RBI की बैठक से पहले मौद्रिक नीति समिति में बदलाव..
केंद्र सरकार ने रेपो रेट तय करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का पुनर्गठन किया है। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि तीन लोगों को एमपीसी का नया बाहरी सदस्य नियुक्त किया है।
सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत मौद्रिक नीति समिति के पुनर्गठन को नोटिफाई किया है। पुनर्गठन के तहत दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के निदेशक प्रो. राम सिंह, अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य और औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान के निदेशक और मुख्य कार्यपालक डॉ. नागेश कुमार इसके बाह्य सदस्य बनाये गये हैं।
बता दें कि इस समय एमपीसी के बाह्य सदस्यों में डॉ. आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शंशाक भिडे हैं। इनका कार्यकाल इसी सप्ताह समाप्त हो रहा है। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त मौद्रिक नीति समिति के नए बाहरी सदस्य तत्काल प्रभाव से या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, चार साल की अवधि के लिए पद पर बने रहेंगे।
आरबीआई अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, एमपीसी में छह सदस्य होते हैं। तीन सदस्य आरबीआई से और तीन केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। आरबीआई के गवर्नर एमपीसी के चेयरपर्सन होते हैं।
इसके अलावा रिजर्व बैंक में मौद्रिक नीति के प्रभारी डिप्टी गवर्नर इसके सदस्य होते हैं। केंद्रीय बोर्ड द्वारा नामित आरबीआई के अधिकारी पदेन सदस्य होते हैं। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक बैठक सात से नौ अक्टूबर को होनी है। इस बैठक से पहले ये नियुक्तियां की गई हैं।
एमपीसी मौद्रिक नीति पर गौर करते समय खुदरा मुद्रास्फीति पर ध्यान दे रही है। खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली बढ़कर 3.65 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 3.54 प्रतिशत थी। हालांकि, मुद्रास्फीति आरबीआई के औसत लक्ष्य चार प्रतिशत से नीचे है, लेकिन खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर अगस्त में 5.66 प्रतिशत थी।
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