प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह ने अधिकारी-कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों से की चर्चा..

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प्रमुख सचिव तथा राज्य शासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं एवं मांगों की समीक्षात्मक प्रक्रिया आरंभ करने एवं मार्ग प्रशस्त करने गठित समिति की अध्यक्ष श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने आज मंत्रालय में विभिन्न मान्यता प्राप्त पंजीकृत अधिकारी-कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।

बैठक में राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रतिनिधि के रूप में प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा, उपाध्यक्ष नंदलाल चौधरी, महासचिव अविनाश तिवारी और छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जी आर चंद्रा शामिल हुए।

प्रमुख सचिव श्रीमती अधिकारियों-कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के संबंध में चर्चा कर मांग पत्र एवं आवेदन लिया। प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक सिंह ने विभिन्न स्तरों पर इनका परीक्षण कराकर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रमुख सचिव और विभिन्न अधिकारी-कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक में प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता दिए जाने और जुलाई-2019 से लंबित महंगाई भत्ते के एरियर्स को भविष्य निधि खाते में समायोजित किए जाने के साथ ही राजपत्रित अधिकारियों के सर्वोत्तम हित में एक राज्य-एक भर्ती नियम प्रणाली लागू किए जाने, आई.ए.एस. अवार्ड हेतु एलायड सर्विसेस के अधिकारियों को एक तिहाई पदों पर अवसर प्रदान किए जाने, विभिन्न विभागों में विभागाध्यक्ष के पदों पर विभागीय संवर्ग के अधिकारियों की पदोन्नति कर पदस्थ किए जाने तथा शासकीय सेवकों को चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान क्रमशः 8,16, 24 एवं 32 वर्ष में दिए जाने के संबंध में चर्चा की गई।

बैठक में राजपत्रित अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन व अचल संपत्ति विवरण ऑनलाइन किए जाने पर चर्चा की गई, ताकि समय पर पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान का लाभ मिल सके। शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों के लिए स्वास्थ्य सुविधा हेतु राज्य के मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों से कैशलेस इलाज की सुविधा दिए जाने, मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिवस किए जाने, राजपत्रित अधिकारियों द्वारा गठित संचालनालयीन राजपत्रित अधिकारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित, रायपुर को नवा रायपुर में रियायती दर पर भूमि आबंटित किए जाने, राज्य सरकार के अंतर्गत विभिन्न विभागों में कार्यरत तकनीकी अधिकारियों की सेवाएं सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन लेते हुए संचालक स्तर तक का तकनीकी पद निर्मित किए जाने, शासकीय सेवकों को समय पर पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान का लाभ दिए जाने, पूर्व कमिश्नर कार्यालय के समान समस्त विभागों के संभागीय कार्यालय स्थापित किए जाने और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अन्य प्रशासनिक विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नहीं करते हुए उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग अथवा राजस्व विभाग में ही पदस्थ किए जाने के संबंध में भी बैठक में चर्चा की गई।

प्रमुख सचिव और अधिकारी-कर्मचारी संघों की बैठक में मंत्रालय की भांति सभी विभागों के विभागीय सेट-अप पुनरीक्षित किए जाने, बैकलॉग एवं सेवानिवृत्ति से रिक्त पदों की भर्ती तत्काल किए जाने, पशुधन विकास विभाग में तृतीय समयमान वेतनमान हेतु 15 अंक के स्थान पर 12 अंक निर्धारित किए जाने, प्रदेश के शासकीय सेवकों को केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिए जाने, प्रदेश सरकार द्वारा वेतन विसंगति एवं अन्य मुद्दों के लिए गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने, मंत्रालय की भांति संचालनालय में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को समान सुविधाएं दिए जाने, पेंशनरों को त्वरित पेंशन भुगतान हेतु 23 वर्षों से लंबित राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49(6) को विलोपित किए जाने तथा विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ राजपत्रित अधिकारियों को मंत्रालय प्रवेश हेतु अस्थायी पास जारी किए जाने के संबंध में भी चर्चा की गई।


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