विराट ने तोड़ा था हार का मिथक

लेखक- संजय दुबे

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 क्रिकेट खेलने वाले देशों में आजकल एक परम्परा सी बन गई है कि अधिकांश देश अपनी जमीं पर टेस्ट सीरीज नहीं हारते है। क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है इसलिए कभी कभार मेजबान देश को मेहमान देश उनकी सरजमीं पर हरा देते है।हाल ही में न्यूजीलैंड ने भारत को ऐसे ही 3-0से टेस्ट सीरीज में हरा दिया। न्यूजीलैंड से हारने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है। 22नवंबर 2024से पांच टेस्ट की सीरीज शुरू होने वाली है। भारत , ऑस्ट्रेलिया में अब तक तेरह टेस्ट सीरीज खेल चुका है।1947से भारत की टेस्ट टीम ऑस्ट्रेलिया जा रही है। केवल विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया की जमी पर ऑस्ट्रेलिया को दो सीरीज(2018-19और2020- 21) में हराने का गौरव मिला है। सुनील गावस्कर , कपिल देव,सौरव गांगुली ऐसे कप्तान रहे है जो सीरीज बराबर कर वापस आए है।1977 बिशन सिंह बेदी एकमात्र कप्तान रहे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पांच टेस्ट की सीरीज में दो दो की बराबरी पर थे लेकिन पांचवा टेस्ट जीत नहीं सके। ऑस्ट्रेलिया बारह में से नौ सीरीज जीतकर ये डर बनाकर तो रखा है कि ऑस्ट्रेलिया में जीत आसान नहीं है दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया को 2018-19और 2020-21में सीरीज जीतने वाले कप्तान

  विराट कोहली के बाद तीसरी बात ऑस्ट्रेलिया को हराने भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुकी है।

 भारत 1947से ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर रहा है। 2018तक भारतीय क्रिकेट टीम केवल 5टेस्ट जीती थी।सीरीज जीतना तो स्वप्न हुआ करता था। सुनील गावस्कर कपिल, देव सौरव गांगुली ने सीरीज ड्रा कराई तो देश में जीत जैसा जश्न मना।

ऑस्ट्रेलिया जाकर क्रिकेट खेलना शुरुआती दौर में बहुत कम था। 1947,1967और 1977 के तीस साल में भारत केवल 14टेस्ट ऑस्ट्रेलिया जाकर खेला था। इसके बाद औसतन चार साल में एक बार भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया की पिच पर उछाल लेने वाली बाल कहर बरपाती है,ये बात जग जाहिर है।इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों की बदतमीजी भी उनके पिच पर बाल के उछाल के समान ही ख्याति प्राप्त है।ये भी स्वीकारना पड़ेगा कि ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंदियों पर भारी पड़ते है। बैटिंग और बॉलिंग दोनों फील्ड में उनका संतुलन बराबरी का है।

  वर्तमान की 5टेस्ट की सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों की तगड़ी परीक्षा होगी ऐसा अंदाजा है।

  ऑस्ट्रेलिया में अब तक खेली गई तेरह टेस्ट सीरीज में 1977 में बिशन बेदी के नेतृत्व में गई टीम ने सीरीज हारने के बावजूद दिल जीत लिया था। भारतीय स्पिनर्स बेदी, चंद्र शेखर और प्रसन्ना ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों के पांव उखाड़ कर रख दिए थे।भारत पहले दो टेस्ट बहुत कम अंतर 16रन और 2विकेट से हारा । लेकिन अगले दो टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 222रन और एक पारी और दो रन के अंतर से हराया। पांचवां टेस्ट रोमांच के शिखर तक पहुंचा । ऑस्ट्रेलिया नेग्राहम येलप(121)और कप्तान सिंपसन(100) की मदद से 505रन बनाए। भारतीय टीम केवल 269रन बना सकी। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में केवल 256 में खत्म हो गई। भारत को जीत के लिए 492रन चाहिए थे। मोहिंदर अमर नाथ(86),दिलीप वेंगसरकर (78)विश्वनाथ(73),किरमानी(51)ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए जीत की कगार पर ले आए थे लेकिन भारतीय बल्लेबाज अंतिम समय में जीत से 47रन दूर रह गई। मोहिंदर अमर नाथ ने पूरी सीरीज में संकट मोचन बने और बेदी, चंद्र शेखर और प्रसन्ना ने हर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजो को खूब नचाया। भारत ये सीरीज 3- 2के अंतर से हार गया। 

 इस सीरीज के चालीस साल बाद विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने 2018- 19में ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं की जमी पर हरा कर पहले कप्तान बने जिसकी टीम ऑस्ट्रेलिया में भारत को सीरीज जिताई। पहला टेस्ट भारत ने31रन से जीता। चेतेश्वर पुजारा के पहली और दूसरी पारी में123और 71के अलावा अजिंक्या रहाणे के दूसरी पारी में 70रन के योगदान ने भारत को 31रन से जीत दिलाया। भारत दूसरा टेस्ट 146रन से हार गया लेकिन तीसरे टेस्ट में पुजारा(106)कोहली(82) मयंक अग्रवाल (76) और मध्य क्रम में खेल रहे रोहित शर्मा (63) की मदद से भारत ने 443/7 बनाए, ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में बुमराह के तूफान में उड़ गई। सिर्फ 151रन पर पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम वापस हो गई थी। बुमराह ने 33रन देकर 6 बल्लेबाजों को आउट किया था। भारत 137रन से टेस्ट जीत कर सीरीज जीत गया क्योंकि चौथा टेस्ट ड्रॉ रहा था।

2020-21 में भारत ने 2018- 19का रिप्ले करते हुए लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के सरजमी पर हराया।इसी जीत के चलते कोहली, किंग कोहली कहलाने लगे। पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया 8 विकेट से जीता। इस टेस्ट ने भारत की टीम केवल 36रन पर आउट हो गई थी। दूसरे और चौथे टेस्ट में भारत ने शानदार वापसी किया। दूसरे टेस्ट में रहाणे(112)और रविंद्र जड़ेजा (57) की पहली पारी में योगदान ने टेस्ट को 8विकेट से जीतने में मददगार बनी तो चौथे टेस्ट में शार्दुल ठाकुर(67), वाशिंगटन सुंदर(62 ) की पारी ने भारत को टेस्ट में वापस लाया। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 294रन पर सिमटी तो जीत के लिए327रन चाहिए था। शुभमन गिल(91)और ऋषभ पंत नाबाद 89रन की पारी ने चौथे टेस्ट और दूसरी सीरीज जीताने के लिए मददगार बनी।

 ये भी आपको जानना जरूरी है कि 1996से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाली सीरीज में ट्रॉफी का नाम बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी रखा गया। दोनो ही बल्लेबाज अपने अपने दौर में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे, दुनियां भर में।


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