अजमेर दरगाह पर कोर्ट के आदेश से तीखी राजनीतिक बहस

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अजमेर दरगाह के नीचे शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका पर सुनवाई करने के अजमेर कोर्ट के फैसले से तीखी राजनीतिक बहस छिड़ गई है। यह फैसला मथुरा, वाराणसी और धार में मस्जिदों और दरगाहों पर इसी तरह के दावों के बाद आया है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "अजमेर में एक अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया है। अगर अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया है तो इसमें क्या समस्या है?" उन्होंने कहा, "यह सच है कि जब मुगल भारत आए, तो उन्होंने हमारे मंदिरों को ध्वस्त कर दिया। कांग्रेस सरकार ने अब तक केवल तुष्टिकरण किया है। अगर (जवाहरलाल) नेहरू ने 1947 में ही इसे रोक दिया होता, तो आज अदालत जाने की जरूरत नहीं पड़ती।"

इस तर्क के केंद्र में 1991 में बना एक कानून है, जो कहता है कि अयोध्या को छोड़कर, देश भर में धार्मिक संरचनाओं पर 15 अगस्त, 1947 वाली यथास्थिति बनाए रखनी होगी।


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