छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विभाजन की कगार पर, नई पार्टी गठन की चर्चा तेज

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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर विभाजन के संकट का सामना कर रही है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में एक नई पार्टी के गठन की अटकलें तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में रायपुर के सरोना इलाके में आयोजित एक बैठक में पार्टी के विभाजन को लेकर गंभीर चर्चाएं हुईं।

बैठक में पेश हुआ मसौदा रायपुर स्थित एक मैरिज हॉल में आयोजित इस बैठक में लगभग 500 स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था, जिनमें से अधिकतर राजीव मितान क्लब से जुड़े थे। इस बैठक में नई क्षेत्रीय पार्टी के गठन का मसौदा पेश किया गया और भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श हुआ।

गिरिश देवांगन की अहम भूमिका भूपेश बघेल के करीबी सहयोगी गिरीश देवांगन की अगुवाई में राजीव मितान क्लब के नेताओं को इस नई पार्टी में शामिल करने की योजना बनाई गई है। साथ ही, क्लब के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने की खबरें भी सामने आ रही हैं। कांग्रेस में अंदरूनी कलह कांग्रेस के भीतर इस घटनाक्रम के बाद भारी बवाल मच गया है।

पार्टी नेतृत्व ने बैठक में शामिल नेताओं और कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके बाद भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई देते हुए इन आरोपों को खारिज किया। बीजेपी ने साधा निशाना इस मुद्दे पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि भूपेश बघेल, दिवंगत अजीत जोगी की तर्ज पर कांग्रेस को तोड़ने और नई पार्टी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने ट्वीट कर लोगों को आगाह किया कि कांग्रेस में जल्द बड़ा बिखराव हो सकता है।


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