महिला आयोग ने बिलासपुर में 30 प्रकरणों की जनसुनवाई

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छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने जल संसाधन प्रार्थना भवन, बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित 30 प्रकरणों पर जनसुनवाई की।

यह प्रदेश स्तर पर आयोग की 293वीं और बिलासपुर में 17वीं सुनवाई थी। महत्वपूर्ण मामलों का निष्पादन 1. नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी: एक महिला ने शिकायत की कि अनावेदक, जो शासकीय विद्यालय में क्लर्क हैं, ने नौकरी दिलाने के नाम पर 2.10 लाख रुपये लिए और पैसे वापस नहीं किए।

आयोग ने अनावेदक को समझाया कि शासकीय सेवा आचरण नियम 1965 के तहत उनकी सेवा समाप्ति की अनुशंसा की जा सकती है। इस पर अनावेदक ने 1 लाख रुपये एकमुश्त लौटाने की बात मानी। यदि 13 दिसंबर 2024 तक भुगतान नहीं किया गया तो सेवा समाप्ति की कार्रवाई होगी।

2. दूसरा विवाह विवाद: एक मामले में आवेदिका और अनावेदक दोनों ने बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर लिया। आयोग ने फैसला किया कि चार जिंदगियों को बिगाड़ने के बजाय मामला नस्तीबद्ध किया जाएगा।

3. पति की मृत्यु के बाद संपत्ति विवाद: पति की मृत्यु के बाद संपत्ति विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष रायपुर में 13 दिसंबर 2024 को सुलहनामा करेंगे। आवेदिका और अनावेदक ने आपसी सहमति से बीमा, जमा राशि और अन्य आर्थिक मामलों का निपटारा करने का निर्णय लिया।

4. पारिवारिक विवाद और तलाक: एक अन्य मामले में आवेदिका विवाह के एक माह बाद ही मायके चली गई और तलाक का मामला न्यायालय में लंबित है। आयोग ने इस मामले को भी नस्तीबद्ध किया।

5. सुलह और निगरानी: एक मामले में पति-पत्नी ने आपसी सुलह कर साथ रहने की बात कही। आवेदिका की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने सखी वन स्टॉप सेंटर को एक साल तक निगरानी का निर्देश दिया। अनुशासन और न्याय का वादा आयोग ने कई मामलों में उच्च अधिकारियों को पत्र भेजने, अगली सुनवाई की तारीख तय करने और सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी। यह सुनवाई न केवल न्याय दिलाने बल्कि महिला उत्पीड़न के मामलों में त्वरित और संवेदनशील समाधान प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।


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