लोकतंत्र में विभिन्न मान्यताओं के लिए जगह है, लेकिन उन्हें संविधान के अनुरूप होना चाहिए: शीर्ष न्यायालय

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में हमेशा विभिन्न विचारधाराओं के लिए जगह होती है, लेकिन उन मान्यताओं को संविधान के अनुरूप होना चाहिए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने एक वकील की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की। इस याचिका में केंद्र और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि बार निकायों के चुनाव लड़ने वालों को किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं होना चाहिए।


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