पीएम मोदी ने संसद में रखे 11 संकल्प

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सदन में ‘संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस परिवार ने हर स्तर पर संविधान को चुनौती दी। उन्होंने आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा, ‘दुनिया में जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो कांग्रेस के माथे से कभी यह कलंक मिट नहीं सकेगा क्योंकि लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था। भारतीय संविधान निर्माताओं की तपस्या को मिट्टी में मिलाने की कोशिश की गई थी।

पीएम मोदी ने आज अपने संबोधन के दौरान 11 संकल्प सामने रखे। उन्होंने कहा, 'आज मैं इस सदन के पवित्र मंच से 11 संकल्प सदन के सामने रखना चाहता हूं।'

ये संकल्प इस प्रकार से हैं... 1.चाहे नागरिक हो या सरकार हो... सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें।

2. हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ-सबका विकास हो।

3.भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो।

4.देश के कानून, देश के नियम... देश की परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों को गर्व होना चाहिए, गर्व का भाव हो।

5.गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो।

6. देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले।

7.संविधान का सम्मान हो, राजनीति स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए।

8.संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है उसको न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे।

9. महिलाओं के नेतृत्व में विकास के मामले में भारत दुनिया के लिए मिसाल बने।

10. राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास... ये हमारा विकास का मंत्र हो।

11. एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो।


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