संपत्ति बुजुर्ग माता-पिता को वापस हस्तांतरित की जा सकती है यदि...: सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के एक फैसले को पलट दिया, जिसमें उर्मिला दीक्षित बनाम सुनील शरण दीक्षित के मामले में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 की उदार व्याख्या की आवश्यकता पर बल दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसमें उपहार विलेख में हस्तांतरक के भरण-पोषण के लिए कोई शर्त नहीं पाई गई थी।

2007 के अधिनियम की धारा 23 में उल्लेख किया गया है कि यदि कोई वरिष्ठ नागरिक किसी व्यक्ति को इस शर्त पर संपत्ति हस्तांतरित करता है कि वह उन्हें बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करेगा, लेकिन वह व्यक्ति ऐसा करने में विफल रहता है, तो हस्तांतरण को धोखाधड़ी माना जा सकता है और यदि वरिष्ठ नागरिक ऐसा निर्णय लेता है, तो इसे शून्य घोषित किया जा सकता है।

अब न्यायाधिकरण बुजुर्ग माता-पिता को संपत्ति वापस हस्तांतरित करने का आदेश दे सकते हैं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा।


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