भारतीय मध्यस्थता के लिए अभद्र व्याख्याएं अभिशाप : सुप्रीम कोर्ट

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सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (एसीए) में न्यायपालिका के व्यापक हस्तक्षेप और व्याख्या की तीखी आलोचना करते हुए इस बात को रेखांकित किया है कि किस प्रकार न्यायालयों द्वारा “अत्यधिक बौद्धिककरण” “भारतीय मध्यस्थता का अभिशाप” बन गया है।


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