भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त

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सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को चेतावनी दी कि यदि वे भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे तो उनके विरुद्ध अवमानना कार्रवाई की जाएगी।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता शादान फरासत की ओर से प्रस्तुत नोट का अवलोकन किया और पाया कि कई राज्य संबंधित निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।

फरासत इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सहायता कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि यदि किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने संबंधित निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है, तो हमें उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करनी पड़ सकती है।


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