निजी दुश्मनी निकालने के लिए दहेज कानून का इस्तेमाल मत करिए: सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान दहेज के खिलाफ बने कानूनों के दुरुपयोग को लेकर चिंता जताई है। इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इस कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए दहेज उत्पीड़न के मामलों पर सतर्कता बरतने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने निजी दुश्मनी निकालने या गलत इरादे से दहेज कानूनों के इस्तेमाल को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक शख्स पर पत्नी द्वारा दायर आरोपों को रद्द करने का भी आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने शख्स के खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर दिया।

बता दें कि शख्स की पत्नी ने उसके और उसके माता-पिता के खिलाफ आईपीसी की धारा 498-ए, 504, 506, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के तहत आपराधिक मामले दर्ज कराए गए थे। इससे पहले हाई कोर्ट ने शख्स के खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था।


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