बिलासपुर : अंतर्राज्यीय पेपर गैंग के 5 आरोपी गिरफ्तार

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रेलवे सुरक्षा बल (RPF), दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर द्वारा यात्री-संबंधित अपराधों की रोकथाम हेतु प्रभावित ट्रेनों का विश्लेषण कर अपराध गुप्तचर शाखा, बिलासपुर के द्वारा सतत गुप्त निगरानी रखी जा रही थी। 

इसी क्रम में गाड़ी संख्या 58214 (टिटलागढ़ पैसेंजर) में एक महिला यात्री के बैग से लगभग 7 तोला सोने के आभूषण (कीमत लगभग ₹6,00,000) की चोरी होने की शिकायत रेल मदद के माध्यम से प्राप्त हुई। शिकायतकर्ता द्वारा जीआरपी, रायगढ़ में एफआईआर दर्ज कराई गई। प्राप्त शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए श्री कर्मपाल सिंह गुर्जर, निरीक्षक, अपराध गुप्तचर शाखा, बिलासपुर के नेतृत्व में रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट, बिलासपुर एवं कोरबा की एक विशेष टीम गठित की गई।

शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए हुलिए के आधार पर सीसीटीवी फुटेज एवं आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए  कर्मपाल सिंह गुर्जर एवं उनकी टीम द्वारा किरोड़ीमल नगर, रायगढ़ से मामले में संलिप्त 5 आरोपियों को चोरी किए गए ₹6,00,000 मूल्य की संपत्ति के साथ गिरफ्तार किया गया।

आरोपियों की पहचान: 1. चतुरी मंडल (उम्र- 52 वर्ष), निवासी - बरेला बासा, थाना- बरियारपुर, जिला- मुंगेर (बिहार) 2. कृष्ण कुमार राज (उम्र- 20 वर्ष), निवासी - वार्ड नं. 08, मीरगंज, पोस्ट- गोगरी, थाना- गोगरी, जिला- खगड़िया (बिहार) 3. सतीश कुमार महतो (उम्र- 38 वर्ष), निवासी - बरेला बासा, थाना- बरियारपुर, जिला- मुंगेर (बिहार) 4. रबीन कुमार मंडल (उम्र- 24 वर्ष), निवासी - बरेला बासा, थाना- बरियारपुर, जिला- मुंगेर (बिहार) 5. दीपक मंडल (उम्र- 35 वर्ष), निवासी - परिया, थाना- बरियारपुर, जिला- मुंगेर (बिहार) गिरोह का अपराध करने का तरीका: गिरफ्तार आरोपी "न्यूजपेपर गैंग" (मंडल गैंग), बिहार के निवासी हैं और यात्री सामानों की चोरी के आदतन अपराधी हैं।

वे लोकल एवं पैसेंजर ट्रेनों में अकेली महिलाओं अथवा छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाली महिलाओं को निशाना बनाते थे, जो अपना सामान लगेज कैरियर पर रख देती थीं। 1. गिरोह के सदस्य ट्रॉली बैग के पास लगेज कैरियर पर बैठने का इंतजाम करते। 2. एक सदस्य पीड़ित से बातचीत शुरू करता, दूसरा अखबार से कवर करता, और तीसरा स्क्रूड्राइवर या अन्य औजार से ट्रॉली बैग का ज़िप खोलकर चोरी करता। 3. वारदात के तुरंत बाद वे जिप को फेविक्विक और वैसलीन से सील कर देते ताकि चोरी का तुरंत पता न चले।


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