अवैध होर्डिंग्स पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय ओका ने अवैध रूप से बैनर लगाए जाने की संस्कृति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने पहले ही आदेश दिया है कि इन्हें प्रदर्शित करने के लिए पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है।

न्यायमूर्ति ओका ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मीरा भायंदर कस्बे में मजिस्ट्रेट अदालत के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कार्यक्रम में अनुशासन की कमी पर भी नाराजगी व्यक्त की और मीडिया प्रतिनिधियों व कुछ अन्य उपस्थित लोगों को धक्का-मुक्की करने के लिए फटकार लगाई।

जस्टिस ओका ने महाराष्ट्र सरकार से अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति करने और अदालतों में बुनियादी ढांचा और आधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर आते समय उन्होंने कार्यक्रम में मेहमानों के स्वागत के लिए लगाए गए कई बैनर देखे।

एससी के जस्टिस ने कहा कि शुरू में उन्हें यह देखकर खुशी हुई, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि ये बैनर अवैध हैं। उन्होंने कहा, ‘बंबई हाई कोर्ट के एक फैसले में कहा गया कि बिना पूर्व अनुमति के कोई भी बैनर या होर्डिंग नहीं लगाया जाना चाहिए। इनमें से किसी भी होर्डिंग पर अनिवार्य अनुमति संख्या नहीं थी यानी वे अवैध थे।


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