आज खेल और खेल भावना की जीत का जश्न होगा

लेखक- संजय दुबे

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 हर देश के खिलाड़ी और दर्शक अपने देश को जीतते और विपक्षी देश को हारते देखना चाहते है,ये देश प्रेम की भावना है। भारत और न्यूजीलैंड टीम के कप्तान सहित खिलाड़ी और देशवासी आज दोपहर से खेल समाप्त होते तक इस उम्मीद के साथ दुबई और अपने अपने टीवी, मोबाइल में व्यस्त रहेंगे। खेल खत्म होगा, एक टीम का कप्तान विजेता बन ट्रॉफी लेने जाएगा और फिर बाकी खिलाड़ियों सहित उनका देश जश्न मनाएगा। पराजित टीम सहित उनका देश मायूस होगा । दो तीन दिन मायूसी के साथ गुस्सा भी बाहर आएगा और फिर दो सप्ताह बाद आईपीएल का रोमांच शुरू हो जाएगा जिसमें आज फाइनल खेलने वाले दोनों देश के खिलाड़ी साथ में खेलते नजर आएंगे।

  मेरा क्या हर व्यक्ति को ये जानकारी है कि दिन विशेष होता है और प्रदर्शन मायने रखता है, जो टीम बेहतर खेलेगी, विजेता वही बनेगी।चाहे वह भारत हो या न्यूजीलैंड।दोनो देश के पास संतुलित टीम है।आक्रामक बल्लेबाज है, विपक्ष को तहस नहस करने वाले गेंदबाज है,अद्भुद क्षेत्र रक्षक है। बस मौके की बात है।

 जो बात भारत के पक्ष में जाती है वह है कि लीग मैच में न्यूजीलैंड को परास्त कर चुके है। भारत के स्पिनर्स के सामने न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को बड़े स्कोर बनाने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ेगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भारत का ट्रंपकार्ड स्पिनर्स ही थे। भारत के पास दूसरा महत्वपूर्ण पक्ष बल्लेबाजों की लंबी कतार है। आठवें क्रम पर रविन्द्र जडेजा आ रहे है।विराट कोहली और श्रेयस अय्यर ने परिपक्व बल्लेबाजी कर रहे है। रोहित और शुभमन अगर बढ़िया ओपनिंग बल्लेबाजी करते है तो बड़ी बात नहीं है कि जीतने के लिए ज्यादा कोशिश करनी पड़ेगी।

 न्यूजीलैंड के पास रचिंद्र रविन्द्र और केन विलियम्सन जैसे स्थाई बल्लेबाज है जो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक ठोक कर इरादा जाहिर कर चुके है।

 दुबई में भारतीय दर्शकों के बहुमत में मैच खेला जाने वाला है।अपराजित भारतीय क्रिकेट टीम अपने खेल प्रेमियों को नाराज़ नहीं होने देगी। रोहित शर्मा के लिए एक बार फिर अवसर है कि कप्तानी से बिदाई के लिए उनके पास बेहतर अवसर है। उम्र और उनकी फिटनेस आड़े आ रहे है। रोहित शर्मा दो, तीन रन नहीं दौड़ सकते है, ये दिख रहा है।एक दिवसीय मैच में एक एक रन से जीत हार होती है।


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