99ओवर तक जीत का इंतजार

लेखक - संजय दुबे

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 दुबई में पहले भारतीय स्पिनर्स की चौकड़ी ने न्यूजीलैंड टीम को 251 रन में रोककर जीत की बुनियाद रख दी थी लेकिन स्पिन पिच पर मो शामी के दिए 72रन ही प्रमुख थे। ये रन भी भारत के किसी एक बल्लेबाज को बनाना ही था अन्यथा न्यूजीलैंड के खिलाड़ी कप को दबोचने का जुगाड कर रखे थे। सोचिए अगर रोहित 50रन बनाकर आउट हो जाते तो क्या होता? कप देना पड़ जाता। न्यूजीलैंड के कप्तान ने मैच के बाद कहा था 30 रन और रहते तो कहानी कुछ और ही रहती।

खेल खत्म होने के बाद अगर जीत हाथ लगे तो एनालिसिस नहीं होता है, जश्न होता है।देश झूम उठा, थिरकने लगा, उत्सव ही उत्सव, चार दिन बाद आने वाले मेंउत्साह और उमंग के पर्व होली के पहले देश दिवाली मनाते दिखा। इतने कम समय में अरबों के फटाके फूटने का भी रिकॉर्ड देखा जाना चाहिए, गिनीज बुक ऑफ द रिकॉर्ड वालो को।

 टॉस हारने के बाद न्यूजीलैंड एक तरीके से मानसिक रूप से बेहतर स्थिति में आ गया था क्योंकि दुबई की पिच पर दूसरी पारी में रनों का पीछा करना थोड़ा कठिन होता है।

 भारत के लिए स्पिनर्स की चौकड़ी ने अपना काम बेहतरीन ढंग से निभाया।आठ में से छः विकेट लिए।मिशेल(63)और ब्रेसवेल(53) की पारी ने स्कोर बोर्ड में नेग 

 के 251रन चढ़ा दिया। यंग और भारतीय मूल के राचिन्द्र रविन्द्र और फिलिप्स और ब्रेसवेल के बीच 57- 57रन की भागीदारी ने भारतीय खिलाड़ियों को कठिन चुनौती देने का काम कर लिया था।

 भारत के बल्लेबाज रोहित शर्मा और शुभमन गिल जब तक रन बना रहे थे तब तक देशवासियो की हार्टबीट नार्मल चल रही थी।अचानक ही न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों ने खेल का नजारा बदला और शुभमन गिल और विराट कोहली को आउट कर स्टेडियम सहित देश भर को सांप सूंघा दिया।अगर मगर का आंकलन होने लगा। हर रन गिने जाने लगे। 122रन पर रोहित शर्मा को रचिंद्र रविन्द्र ने स्टंप आउट करा कर मैच पलटा ही लिया था। श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल सुलझे हुए खिलाड़ी है ।उन्होंने 61रन की साझेदारी कर दबाव से बाहर निकालने का काम तो किया लेकिन गैर जिम्मेदारी से संतुलन खोया हुआ विकेट दिया और एक बार फिर देश की सांस थमने लगी नब्ज जमने लगी। हार्दिक जैसे है वैसे ही आए गए लेकिन जो प्रेशर बना था उसे रिलीज कर दिया। रविन्द्र जडेजा, जो बल्लेबाजों की कड़ी में अंतिम उम्मीद थे और आते से ही उन्होंने जीत का रास्ता बनाया, जीत का चौका लगाया, चैंपियंस ट्रॉफी का हैट्रिक लगाया, जश्न मनवाया।

रोहित शर्मा और उनकी टीम अजेय रह कर, सारे टॉस हारने के बाद मैच दर मैच जीतते रही।विजेता बनी,ट्रॉफी को तीसरी बार जीत कर हैट्रिक लगाया।140करोड़ बधाई और शुभ कामनाएं तो बनती है। शाबाश रोहित शर्मा और उनकी टीम।


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