सुप्रीम कोर्ट ने टाडा मामले में आरोपियों को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा

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सर्वोच्च न्यायालय ने 1990 में कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति मुशीर-उल-हक और उनके सचिव अब्दुल गनी जरगर के अपहरण और हत्या में कथित भूमिका के आरोप में छह लोगों को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा है। न्यायालय ने 1995 में समाप्त हो चुके आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) के तहत दर्ज किए गए इकबालिया बयानों में प्रक्रियागत खामियों का हवाला दिया है। जम्मू की एक विशेष अदालत ने 2009 में छह लोगों को बरी कर दिया था।


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