संयुक्त कार्रवाई समिति ने परिसीमन प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग करी

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संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) ने परिसीमन के मुद्दे पर प्रस्ताव पास किया। इसमें केंद्र सरकार से पारदर्शिता की कमी को लेकर चिंता जताई गई है। जेएसी ने केंद्र सरकार से मांग रखी कि किसी भी परिसीमन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए। साथ ही, 1971 की जनगणना के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों पर लगाई गई रोक को अगले 25 वर्षों तक बढ़ा दिया जाए।

प्रस्ताव में कहा गया, 'लोकतंत्र के चरित्र को सुधारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से परिसीमन प्रक्रिया में स्पष्पता होनी चाहिए, ताकि सभी राज्यों के राजनीतिक दल, राज्य सरकारें और दूसरे हितधारक इस पर विचार-विमर्श, चर्चा और योगदान कर सकें।' प्रस्ताव में आगे कहा गया, '42वें, 84वें और 87वें संवैधानिक संशोधनों का उद्देश्य उन राज्यों को प्रोत्साहित करना था, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया है।

साथ ही, राष्ट्रीय जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य अभी तक हासिल नहीं हुआ है। इसलिए 1971 की जनगणना के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों पर लगाई गई रोक को अगले 25 वर्षों तक बढ़ाया जाए।' तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली जेएसी ने केंद्र सरकार से उन राज्यों को दंडित न करने की रखी, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया है।


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