खेल,खेल होता है, खेल में सब चलता है

संजय दुबे

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ऐसा माना जाता है। कल भी खेल चला चेन्नई के चिन्नास्वामी स्टेडियम में घरेलू टीम सीएसके का आईपीएल में आरसीबी से मैच हुआ। ये मैच लीग के पहले राउंड का था।इसमें जीत हार से फिलहाल फर्क नहीं पड़ता क्योंकि एक टीम को बारह मैच खेलने है।

इस मैच से अगर फर्क पड़ा तो एम एस धोनी को, कल के मैच में जिस तरह से उन्होंने अपने खेलने का क्रम बदला और नौ नंबर आए उससे मैच को बहुत फर्क पड़ गया। आपको याद होगा कि 2011के फाइनल में धोनी ने युवराज को सुपरसीड कर पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे। शानदार 91नाबाद रन बनाए जीत के लिए आवश्यक रन को छक्का जड़ कर देश को जश्न मनवाया था।

2011को गुजरे चौदह साल हो गए। धोनी 29 साल से 43साल के हो गए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से बाहर है। राष्ट्रीय स्पर्धा रणजी में भी नहीं खेलते लेकिन सीएसके से आईपीएल खेलते है। उनके नेतृत्व में सीएसके पांच बार(2010,2011,2018, 2021और 2023) विजेता बना है। एक खिलाड़ी के लिए इतनी बड़ी उपलब्धि मायने रखती है।

धोनी देश को 2007में टी ट्वेंटी मैच और 2011में वन डे अंतराष्ट्रीय मैच में भी विजेता बना चुके है। ऐसे खिलाड़ी की कीमत होती ही है।सीएसके के मालिक एमएस धोनी को अब एक विकेटकीपर या स्थापित बल्लेबाज के बजाय प्लानर और फिनिशर के रूप में रखी हुई है ।

यहां तक के सीएसके के प्रशंसक हार जीत से परे धोनी को देखना चाहते है दर्शक बन कर। कल भी यही हुआ।आरसीबी के 197रन के लक्ष्य का पीछा सीएसके नहीं कर पाई। हारना अलग बात है लेकिन इस मामले में फिनिशर धोनी के 9 नंबर पर आने की भड़ास जम कर निकल रही है। धोनी चाहते तो सैम करन की जगह आ सकते थे क्योंकि कम बॉल में ज्यादा रन की जरूरत थी।हद तो तब हो गई जब धोनी ने अपने से पहले अश्विन को भेज दिया। अश्विन आउट हुए तो 22बॉल शेष थी। स्टेडियम में धोनी के आने का शोर 120डेसिबल आंका गया(खुशी का शोर) लेकिन जीत से सीएसके बहुत दूर रह गई। धोनी ने दो छक्के भी लगाए(मनोरंजन हुआ)।सीएसके हार गई।

रात से लेकर अबतक धोनी बुरी तरह से ट्रोल हो रहे है। विकेट के आगे पीछे वे अभी भी बेहतर है लेकिन मौके की नजाकत समझने वाले धोनी के समझ की किरकिरी हो रही है। खेलने के लिए पैसा मिलता है छह करोड़ रुपए लेकिन पैसे के लिए खेलना धोनी के व्यक्तित्व को बौना कर रहा है। 43साल की उम्र में खेलने का दूसरा पक्ष विज्ञापनों के जरिए भी पैसा कमाना है, ऐसा माना जाता है।

बहरहाल उन्हीं का एक विज्ञापन कि क्या संजू सैमसन 13साल के लड़के को खिला रहे हो, हमने तेरह साल पहले आईपीएल ट्रॉफी जीती है, संजू सैमसन, - हां भैया आपके जाते जाते ये भी एकात ट्रॉफी जीत लेगा।मसलन आलोचना से परे धोनी जानते है कि दर्शकों की याददाश्त कमजोर होती है।एक बेहतरीन पारी फिर से ऑक्सीजन देने के लिए पर्याप्त है।


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