अब किस्मत के सहारे धोनी

संजय दुबे

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जिस खिलाड़ी के पास दस ओवर खेलने के लिए शारीरिक शक्ति नहीं है।जिस खिलाड़ी का घुटना क्षतिग्रस्त है।जिस खिलाड़ी की उम्र खिलाड़ियों के उम्र से सात आठ साल पार कर गई हो।

जिस खिलाड़ी को अब ये समझ नहीं है कि खुद को किस क्रम में उतरना है, उस खिलाड़ी को चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी आईपीएल के बचे आठ मैच के लिए दे दिया गया है। कारण भी है कि ऋतुराज गायकवाड़ चोटिल होकर पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो गए है। धोनी तीसरी बार चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान बने है। शुरुआत में सफलतम कप्तान रहे।पांच बार ट्रॉफी भी जितवाया।

2022में रवींद्र जडेजा को कप्तानी दी गई लेकिन आठ मैच बाद जडेजा ने अपनी बैटिंग, बोलिंग और फिल्डिंग में एकाग्र होने के नाम पर कप्तानी छोड़ दी। धोनी फिर कप्तान हो गए। इस साल चेन्नई सुपर किंग्स दस टीम में नौवे स्थान पर थी। 2024में ऋतुराज गायकवाड़ कप्तान बने । चेन्नई सुपर किंग्स प्ले ऑफ में जगह नहीं बना पाई।

माना गया कि 2022और 2024में रवींद्र जडेजा और ऋतुराज गायकवाड़ केवल नाम के कप्तान थे। विकेट के पीछे से पूरी कप्तानी धोनी करते दिखे। दोनों बात दो कप्तानों के चलते टीम के खिलाड़ी दिग्भ्रमित रहे। इस साल अब तक चेन्नई सुपर किंग्स छः मैचों में केवल एक मैच जीती है। पांच में हार चुकी है। धोनी ने केकेआर के विरुद्ध कप्तानी की खुद एक रन बना सके। पूरी टीम कल खेले गए मैच में के एल राहुल के द्वारा बनाए गए नाबाद93 रन से केवल दस रन ज्यादा बना सके। चेन्नई सुपर किंग्स के नौ खिलाड़ी दहाई तक नहीं पहुंच पाए।

आज की स्थिति में दसवें पायदान पर पहुंच चुकी चेन्नई सुपर किंग्स को प्लेऑफ के लिए बचे आठ मैच जीतना पड़ेगा अन्यथा पीछे से ही नंबर लगेगा। बेहतर ये रहता कि चेन्नई सुपर किंग्स के प्रबंधन को अश्विन को कप्तानी दे देना था।

अश्विन को कप्तानी का मौका मिला भी नहीं है। धोनी , एडवरटाइजिंग कर लेते।


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