बदल गए ईपीएफओ के 3 बड़े नियम

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बीते कुछ दिनों में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े कई नियम बदल गए हैं। इसका असर ईपीएफओ के करोड़ों ग्राहकों पर पड़ने वाला है। इनमें से एक नियम पीएफ क्लेम के प्रोसेस से जुड़ा है तो एक नियम वेरिफिकेशन को लेकर है। आइए सिलसिलेवार तीनों नियम के बारे में जान लेते हैं।

अब ईपीएफओ के ग्राहक फेस वेरिफिकेशन के जरिये यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) और संबंधित सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। बीते दिनों केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने फेस वेरिफिकेशन के जरिये भविष्य निधि का यूएएन आवंटित करने और उसे सक्रिय करने के लिए अपग्रेडेड डिजिटल सर्विसेज शुरू की हैं।

अब कर्मचारी ‘उमंग’ मोबाइल ऐप की मदद से आधार फेस वेरिफिकेश टेक्नोलॉजी (एफएटी) का उपयोग करके सीधे अपना यूएएन सृजित कर सकते हैं। कोई भी नियोक्ता किसी भी नए कर्मचारी के लिए आधार एफएटी का उपयोग करके यूएएन बनाने के लिए उमंग ऐप का इस्तेमाल कर सकता है।

जिन सदस्यों के पास पहले से ही यूएएन है लेकिन उन्होंने अभी तक इसे सक्रिय नहीं किया है, वे अब आसानी से उमंग ऐप के माध्यम से अपना यूएएन सक्रिय कर सकते हैं। ईपीएफओ ने पीएफ के ऑनलाइन क्लेम में भी बदलाव किए हैं। इच्छुक आवेदकों को रद्द किए गए चेक की तस्वीर अपलोड करने की जरूरत नहीं है और उनके बैंक खातों को नियोक्ताओं द्वारा सत्यापित करने की भी जरूरत नहीं है।

वर्तमान में ईपीएफओ के सदस्यों को पीएफ खातों से ऑनलाइन धनराशि निकालने के लिए आवेदन करते समय, यूएएन या पीएफ संख्या से जुड़े बैंक खाते की चेक या पासबुक की सत्यापित फोटो कॉपी अपलोड करनी होती है इसी तरह, नियोक्ताओं को भी आवेदक के बैंक खाते के विवरण को स्वीकृत करना अनिवार्य है।

अब नियोक्ताओं के मामले में भी मंजूरी जरूरी नहीं है। ईपीएफ सदस्यों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ और नियोक्ताओं के लिए ‘कारोबारी सुगमता’ सुनिश्चित करने के लिए इन दो जरूरतों को समाप्त कर दिया गया है।


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