शीर्ष अदालत ने नकद लेनदेन पर 2 लाख रुपये की सीमा लागू करने के निर्देश जारी किए

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब कोई कानून होता है तो उसे लागू किया जाना चाहिए। कोर्ट ने वित्त अधिनियम 2017 के प्रावधानों के असंतोषजनक कार्यान्वयन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नकद लेनदेन की सीमा दो लाख रुपये तक सीमित है।

शीर्ष अदालत ने कई निर्देश जारी करते हुए कहा कि जब भी ऐसा कोई मुकदमा प्राप्त होता है, तो अदालतों को अधिकार क्षेत्र वाले आयकर प्राधिकरण को इसकी सूचना देनी चाहिए, जो कानून में उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उचित कदम उठाएगा।

सरकार ने वित्त अधिनियम 2017 के माध्यम से 1 अप्रैल, 2017 से 2 लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाया है। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ एक संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि 10 अप्रैल, 2018 को अग्रिम भुगतान के रूप में 75 लाख रुपये नकद दिए गए थे। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मुकदमा न केवल लेनदेन के बारे में संदेह पैदा करता है, बल्कि कानून का उल्लंघन भी दर्शाता है।


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