आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव से रोजगार पर संकट : सुप्रीम कोर्ट

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेजी से हो रहे विकास ने जहां कई सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, वहीं यह रोजगार को लेकर नई चिंताओं को भी जन्म दे रहा है। अब इस विषय पर भारत का सर्वोच्च न्यायालय भी चिंतित नजर आ रहा है।

एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भविष्य में ड्राइवरों का काम AI द्वारा किए जाने की संभावना है, जिससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी हो सकती है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. के. सिंह की बेंच ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और उपयोग को बढ़ावा देने संबंधी नीति की मांग पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। अदालत ने कहा,

"हमारी चिंता यह है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण ड्राइवरों का रोजगार प्रभावित न हो। भारत में ड्राइवर की नौकरी लाखों लोगों की आजीविका का जरिया है।" जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी कहा कि अब वकीलों को भी AI से प्रतिस्पर्धा मिल रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे टूल आ चुके हैं, जिनसे कोई भी कानूनी सलाह आसानी से प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका में ऐसे AI आधारित एडवोकेट टूल्स का काफी इस्तेमाल हो रहा है और अब भारत में भी इनकी शुरुआत हो चुकी है। AI के बढ़ते प्रभाव को लेकर केवल अदालत ही नहीं, देश के कई उद्योगपति और विशेषज्ञ भी चिंता जता चुके हैं। खासकर कॉन्टेंट राइटिंग, कंसल्टेंसी, और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में AI के कारण रोजगार में गिरावट की आशंका व्यक्त की जा रही है।


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