भारत ‘धर्मशाला नहीं’: श्रीलंकाई शरणार्थी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

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सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है और वह "हर जगह से विदेशी नागरिकों का स्वागत नहीं कर सकता"। सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी एक श्रीलंकाई तमिल नागरिक की हिरासत में लिए जाने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए की।

"क्या भारत को दुनिया भर से शरणार्थियों की मेजबानी करनी है? हम पहले से ही 140 करोड़ की आबादी से जूझ रहे हैं। यह कोई धर्मशाला नहीं है कि हम हर जगह से विदेशी नागरिकों का स्वागत कर सकें," बेंच की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा।


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