सिर्फ मनोरंजन के लिए ताश खेलना नैतिक अधमता नहीं: सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति केवल मनोरंजन के उद्देश्य से ताश खेलता है, और उसका उद्देश्य जुआ अथवा सट्टेबाज़ी नहीं है, तो उसे नैतिक अधमता या कदाचार नहीं माना जा सकता।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह टिप्पणी कर्नाटक की एक सहकारी समिति से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान की।


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