छत्तीसगढ़ में मानसून से पहले धान उपार्जन केंद्रों में संकट

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छत्तीसगढ़ में मानसून की दस्तक के साथ ही धान उपार्जन केंद्रों में संकट गहराने लगा है। प्रदेशभर में करीब 92,303 मीट्रिक टन धान अब तक गोदामों से नहीं उठाया जा सका है। यह धान लगभग 211 करोड़ रुपये मूल्य का है, और जैसे-जैसे बारिश तेज होगी, इसके भीगने और खराब होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।

विशेष बात यह है कि इस नुकसान की पूरी जिम्मेदारी उन सहकारी समितियों (सोसाइटियों) पर डाली जाएगी, जिन्होंने यह धान किसानों से खरीदा था। पहले से ही कई समितियाँ गर्मी के कारण स्टॉक में आई कमी से जूझ रही हैं, और अब इस अतिरिक्त दबाव से उनके प्रबंधकों पर संकट और गहरा गया है।

यदि समय रहते इस धान का उठाव नहीं हुआ, तो न केवल आर्थिक नुकसान भारी होगा, बल्कि किसानों की मेहनत भी बर्बाद हो सकती है।


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