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लोकतंत्र को मजबूत करने भारत निर्वाचन आयोग की बड़ी पहल

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की आठवीं श्रृंखला का शुभारंभ आज नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में हुआ। इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ के 96 निर्वाचन अधिकारी सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से आए बूथ लेवल अधिकारी, बीएलओ सुपरवाइज़र्स, ईआरओ तथा डीईओ को संबोधित किया। उन्होंने निर्वाचन व्यवस्था को पारदर्शी, सुसंगत और विधिसम्मत बनाए रखने में इन अधिकारियों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
उल्लेखनीय है कि यह अब तक का सबसे बड़ा प्रशिक्षण बैच है, जिसमें कुल 373 प्रतिभागी शामिल हैं – जिनमें से उत्तर प्रदेश से 118, मध्यप्रदेश से 130, छत्तीसगढ़ से 96 और हरियाणा से 29 अधिकारी हैं। इस श्रृंखला के माध्यम से आयोग दो माह में अब तक 3,720 से अधिक मैदानी चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण दे चुका है। अपने संबोधन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 एवं 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1960, निर्वाचन संचालन नियम 1961 तथा आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों की जानकारी को आवश्यक बताया।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव की समस्त प्रक्रियाएँ विधिक प्रावधानों के अनुरूप संपन्न हों। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने प्रतिभागियों को अवगत कराया कि प्रशिक्षण के दौरान वे लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(a) (जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर के समक्ष प्रथम अपील) और धारा 24(b) (राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील) की प्रक्रिया से भी परिचित रहें। उन्होंने बीएलओ व पर्यवेक्षकों को सलाह दी कि वे क्षेत्रीय सत्यापन के समय इन प्रावधानों की जानकारी मतदाताओं को भी दें।
उल्लेखनीय है कि 6 से 10 जनवरी 2025 के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) के बाद छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से किसी प्रकार की अपील प्राप्त नहीं हुई – जो क्षेत्रीय अधिकारियों के सतर्क, व्यवस्थित और तकनीकी रूप से दक्ष होने का प्रमाण है। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मतदाता पंजीकरण, फॉर्म प्रबंधन और चुनाव प्रक्रियाओं के व्यावहारिक पक्ष को मजबूत करना है। इसके अंतर्गत प्रतिभागियों को ईवीएम (EVM), वीवीपैट (VVPAT) और मॉक पोल से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर विशेष सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आईटी टूल्स के उपयोग पर भी विशेष बल दिया गया है। इससे अधिकारी डिजिटल प्रक्रिया, डेटा प्रबंधन और निर्वाचन प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता प्राप्त कर सकेंगे, जिससे भविष्य के चुनाव अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाए जा सकेंगे। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण श्रृंखला लोकतंत्र की मजबूती में एक और ठोस कदम है, जिसमें छत्तीसगढ़ के अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह सुनिश्चित करता है कि आने वाले चुनावों में भी निर्वाचन कार्य में नियोजित अधिकारी एवं कर्मचारी पारदर्शिता और प्रभावशीलता के उच्चतम मानकों का पालन करेंगे।

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