मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह पर आमादा ग्रामीणों के मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उठाये सवाल

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रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करने ग्रामीणों के जुटने की घटना के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश सरकार से सवाल किया हैं। उन्होंने कहा कि न्याय के नाम पर राजनीति कर रही प्रदेश सरकार की हक़ीक़त सामने आ गई है। इस घटना से प्रदेश की अन्यायी सरकार की कलंक-गाथा में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चेतावनी दी है कि वे सत्ता के मद में इतना न डूबें कि न्याय की गुहार लगाते लोग भी उन्हें नज़र न आएँ। सत्ता के अहंकार में चूर प्रदेश सरकार को साय ने याद दिलाया है कि अग़र प्रदेश के मदांध सत्ताधीशों को अपने वादे याद हों और अपनी ज़ुबान से कहा ‘अब होगा न्याय’ का वादा खोखला होते अग़र उसे ज़रा भी लज्जा अनुभव हो तो प्रदेश के लोगों के साथ लगातार सामने आ रहे अन्याय के मामलों पर अंकुश लगाने की पहल करें। श्री साय ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि 22 महीनों में ही अन्याय इतना बढ़ गया है कि प्रदेशभर के लोग आत्महत्या करने मुख्यमंत्री निवास पहुंच रहे हैं। यह चिंतन का विषय है और सरकार के सामने बड़ा प्रश्न भी खड़ा करता हैं कि कब होगा न्याय?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने राजधानी से लगे मांढर गाँव में एक युवकआशीष डहरिया की मौत के मामले में मुख्यमंत्री निवास के समक्ष हुए हंगामे को प्रदेश सरकार की अक्षमता और भटकाव से ग्रस्त कार्यप्रणाली का परिचायक बताते हुए कहा कि चार माह पहले हुई युवक की मौत को लेकर ग्रामीण उद्वेलित हैं और इसे हत्या का मामला मान रहे हैं। इस मामले में महिलाओं-बच्चों समेत लगभग 50 ग्रामीणों का समूह सबके सामने क़ब्र से शव निकालकर फिर से पोस्टमार्टम कराने की मांग को लेकर मंगलवार को राजधानी पहुँचा था। लेकिन मुख्यमंत्री बघेल इन ग्रामीणों से मिलने के बजाय मरवाही जीत के जश्न में मशगूल थे। नाराज़ ग्रामीणों ने वहीं मुख्यमंत्री निवास के सामने सामूहिक रूप से आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हर मोर्चे पर, हर वर्ग के साथ अन्याय की पराकाष्ठा कर रखी है। ‘अब होगा न्याय’ का सियासी शोर मचाकर प्रदेश के लोगों के साथ यह सरकार केवल छलावा और धोखाधड़ी कर रही है। साय ने चेतावनी दी है कि प्रदेश सरकार अपनी कार्यशैली में समय रहते सुधार कर ले अन्यथा प्रदेशभर में अन्याय से पीड़ितों का आक्रोश कभी भी ज्वालामुखी की शक्ल ले लेगा। सवाल यह है कि आख़िर ‘अब होगा न्याय’ कहने वाले प्रदेश को यह बताएँ कि "कब होगा न्याय"?


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