जल्द शुरू होगा विधानसभा भवन और दो जल परियोजनाओं के निर्माण का कार्य, बैठक में लिया गया निर्णय

feature-top

रायपुर : मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में परियोजना निर्माण एवं क्रियान्वयन समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य रूप से लोक निर्माण विभाग द्वारा नवा रायपुर के सेक्टर-19 में निर्मित किए जाने वाले नए विधानसभा भवन और जल संसाधन विभाग द्वारा बिलासपुर जिले के खारंग-अहिरन जलाशय परियोजना और छपराटोला फीडर जलाशय परियोजना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

    बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने नवा रायपुर के सेक्टर-19 में निर्मित किए जाने वाले नए विधानसभा भवन के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नए विधानसभा भवन के निर्माण की प्रस्तावित लागत लगभग 275 करोड़ 76 लाख 19 हजार रूपए होगी। विधानसभा भवन का निर्माण मुख्य रूप से भूतल-प्रथमतल-द्वितीय तल के रूप में किया जाएगा। भूतल में विधानसभा की कार्यवाही के लिए सदन, विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, मंत्रियों के कक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष के कार्यालय, नेता प्रतिपक्ष का कार्यालय, समिति बैठक कक्ष और अधिकारियों के कक्ष का निर्माण किया जाएगा। प्रथम तल में विधानसभा सदन की गैलेरी का निर्माण किया जाएगा। जिसमें मुख्य रूप से मीडिया, पब्लिक और अति विशिष्ट जनों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रथम तल में ही 200 सीटर कॉन्फ्रेंस हॉल का निर्माण किया जाएगा। द्वितीय तल में मुख्य रूप से विधानसभा की लाईब्रेरी और सेन्ट्रल हॉल का निर्माण किया जाएगा। मुख्य सचिव ने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नवीन विधानसभा भवन में बैठकों के लिए प्रस्तावित कक्षों का निर्माण सही तरीके से किया जाए। ताकि बैठक व्यवस्था में कोई बाधा न हो। उन्होंने सचिव एवं विभागाध्यक्ष स्तर के अधिकारियों और उनके कार्यालयों के लिए सुव्यवस्थित बैठक व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। साथ ही महिला अधिकारियों के लिए कामन रूम का निर्माण भी करने के निर्देश दिए है।

    जल संसाधन विभाग के सचिव श्री अविनाश चम्पावत ने विभाग की दो प्रमुख परियोजनाओं के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 720 करोड़ 52 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर जिले में अहिरन नदी पर खारंग अहिरन लिंक जलाशय का निर्माण किया जाना है। इसके लिए अण्डर ग्राउण्ड तरीके से पाईप के द्वारा नदियों का जल जलाशय तक लाया जाएगा। इस जलाशय में एकत्रित जल का इस्तेमाल बिलासपुर और रतनपुर शहरों में पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाएगा। साथ ही नदियों के किनारे बसे 208 गांवों की 56285 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी। चम्पावत ने बिलासपुर जिले के अरपा नदी पर प्रस्तावित छपराटोला फीडर जलाशय के विषय में जानकारी दी कि जलाशय के निर्माण से अक्टूबर से मई माह के बीच अरपा नदी के आस-पास के क्षेत्रों में भू-जल में गिरावट के कारण पेयजल आपूर्ति की समस्या से मुक्ति मिलेगी। साथ ही वर्ष भर जल प्रवाह और पर्यावरण संतुलन बना रहेगा। परियोजना के निर्माण के लिए लगभग 968 करोड़ 56 लाख रूपए खर्च होंगे। इस परियोजना को नेशनल रिवर कन्जर्वेशन प्लान के तहत स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा जाएगा। मुख्य सचिव मण्डल ने परियोजना के निर्माण से डुबान क्षेत्र के रूप में प्रभावित होने वाले गावों, परिवारों, कृषि भूमि, वन भूमि, निजी भूमि, पड़त भूमि, शासकीय भूमि आदि के विषय में विस्तार से सर्वे करने और उनका व्यवस्थापन के निर्देश दिए है।

    बैठक में प्रमुख सचिव योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग गौरव द्विवेदी, प्रमुख सचिव वन विभाग मनोज कुमार पिंगुआ सहित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग अमिताभ जैन भी बैठक में शामिल हुए ।


feature-top