- Home
- टॉप न्यूज़
- व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता सुनिश्चित करना हमारे संविधान का अंतिम लक्ष्य : बघेल
व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता सुनिश्चित करना हमारे संविधान का अंतिम लक्ष्य : बघेल
रायपुर :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संविधान दिवस के अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय वेबिनार में अपने संदेश में कहा कि व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता सुनिश्चित करना हमारे संविधान का अंतिम लक्ष्य है। हम सबको यह संकल्प लेना होगा कि हम अपने महान संविधान की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। जब तक हमारा संविधान सुरक्षित है तभी तक हमारा देश और यहां रहने वाला हर व्यक्ति और उसका भविष्य सुरक्षित है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी और संविधान निर्माताओं को नमन किया। वेबिनार का आयोजन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया गया जिसमें विद्यार्थी, शिक्षक और पालक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि नई पीढ़ी के मन में अपने संविधान के प्रति आस्था और गौरव का भाव जगाने के लिए छत्तीसगढ़ के स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना के वाचन और संविधान के महत्वपूर्ण अंशों पर चर्चा की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अंबेडकर सहित समस्त संविधान निर्माताओं की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारे महान नेताओं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे मनिषियों ने यह सुनिश्चित किया कि हमारा देश अपने संविधान पर चलेगा। हमारा संविधान हम सब भारतीय मिलकर बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान के निर्माण में देश के हर वर्ग, हर समाज और हर क्षेत्र के विचारकों, चिंतकों और विधि विशेषज्ञों की भूमिका रही। गौरवशाली संविधान बनाने का काम पूरा करते हुए 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने इसे अंगीकार कर लिया, इसलिए आज का दिन संविधान दिवस कहलाया और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान की रचना उदारता और समग्रता के साथ की गई, उसमें न सिर्फ संविधान निर्माण प्रक्रिया में शामिल सभी लागों को भावनात्मक रूप से जोड़ा गया, बल्कि आने वाली पीढियों और जन-जन को, यह संविधान अपनेपन से जोड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसे हम भारत के लोगों ने स्वयं बनाया और स्वयं समर्पित किया है। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना का पठन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी अपने संविधान में बताए गए रास्ते पर चलने के लिए संकल्पबद्व हो।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बेबीनार में अपने संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप स्कूलो में प्रार्थना के दौरान संविधान के विषय में चर्चा की जाए, ताकि लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप विद्यालय की व्यवस्था संचालन में बच्चों की भूमिका सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि संविधान महज एक किताब नहीं, वरन वह भारत की आत्मा है। संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है। मंत्री डॉ. टेकाम ने शिक्षकों और विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संकट के दौरान और बाद में अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए अपना नियम, कानून या संविधान बनाए और सभी मिलकर अपने स्कूल या क्षेत्र में इसका पालन करे।
संचालक लोक शिक्षण संचालनालय श्री जितेन्द्र शुक्ला ने बेबीनार को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालयों में शासन के मंत्रियों की तरह बच्चों को मंत्री बनाया जाए तथा उन्हें तदनुरूप भूमिका भी प्रदान की जाए, ताकि वे संवैधानिक प्रक्रियाओं से परिचित होते रहें। छत्तीसगढ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रो. व्ही. के. गोयल ने संविधान की उद्देशिका का वाचन किया तथा संविधान के महत्व पर चर्चा की। सहायक संचालक समग्र शिक्षा डॉ. एम. सुधीश ने संविधान से संबंधित गतिविधियों के आयोजन के संबंध में चर्चा की।
About Babuaa
Categories
Contact
0771 403 1313
786 9098 330
babuaa.com@gmail.com
Baijnath Para, Raipur
© Copyright 2019 Babuaa.com All Rights Reserved. Design by: TWS