न रूकेगी पढ़ाई की तारतम्यता, न थमेगी शिक्षा की रौशनी

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बलरामपुर : कोविड-19 की विपरित परिस्थितियों में राज्य शासन ने शैक्षणिक संस्थाओं के बंद होने से शिक्षा अवरूद्ध न हो इसके लिए ‘‘पढ़ई तुहंर दुआर’’ आनलाईन तथा मोहल्ला क्लास जैसी आफलाईन वैकल्पिक व्यवस्था प्रारंभ की है। ‘‘पढ़ई तुहंर दुआर’’ योजना बच्चों में शिक्षा की अलख बनाये रखने में कारगर साबित हुई है। कोविड-19 की चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में जिले के कलेक्टर श्याम धावड़े के निर्देशन एवं जिला शिक्षा अधिकारी बी.एक्का के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में तथा शिक्षकों के संयुक्त प्रयास से जिले में शिक्षा का अविरल धारा लगातार प्रवाहित हो रही है। पढ़ई तुहंर दुआर को साकार करने में सुदूर अंचल के दो दिव्यांग शिक्षकों के द्वारा लगातार मोहल्ला क्लास संचालित कर अनुकरणीय प्रयास किया गया है। एक ओर जहां विकासखण्ड कुसमी में प्राथमिक शाला टाटीझरिया में पदस्थ दिव्यांग शिक्षक सुरेन्द्र गुप्ता के द्वारा लगातार मोहल्ला क्लास लेकर बच्चों की पढ़ाई की तारतम्यता बनाये रखे हुए हैं। वहीं विकासखण्ड रामचन्द्रपुर के माध्यमिक शाला मेघुली के शिवकुमार रवि भी पैर से दिव्यांग होते हुए भी बच्चों को जोड़कर मोहल्ला क्लास संचालित कर रहे हंै। ऐसे शिक्षकों के जजबा व जुनून से जिले के बच्चे प्रतिदिन लगातार पढ़ाई से जुड़े हुए है।

कोरोना संक्रमण के इस दौर में भी जिले में लगातार 700 से अधिक मोहल्लों में आॅफलाईन क्लास चल रहा है। वहीं आॅनलाईन क्लास लेने में भी शिक्षक पीछे नहीं है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों तथा सी.ए.सी./सी.आर.सी. के द्वारा क्लास का निरीक्षण कर शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं शिक्षकों के द्वारा दी जा रही शिक्षा का समय-समय पर मूल्यांकन करने का कार्य भी आॅनलाईन पोर्टल में अनवरत जारी है। जिले के जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक तथा नोडल अधिकारी के द्वारा विगत आठ महिने से नियमित रूप से वर्चुअल तथा आफलाईन बैठक लेकर विकासखण्ड एवं संकुल स्तर के समस्त अधिकारियांे एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहन एवं प्रेरित करते आ रहे है। राज्य शासन की पहल तथा शिक्षकों के प्रयास से पढ़ई तुहंर दुआर अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर रहा है। मोहल्ला क्लास जैसी व्यवस्था ने बच्चों को स्कूल जैसी शिक्षा तथा वातावरण देने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।


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