केशकाल/बड़ेराजपुर : कर्ज तले दबे किसान ने धान के रकबे में कटौती के कारण तनाव में आकर की आत्महत्या

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केशकाल/बड़ेराजपुर । कोंडागांव जिले के बड़ेराजपुर ब्लॉक अंतर्गत पटवारियों के द्वारा गिरदावरी रिपोर्ट में कई प्रकार की त्रुटि होने की बात सामने आ रही है। कुछ ऐसे भी किसान हैं जिन्होंने धान की फसल लगाई हैं, लेकिन टोकन कटवाने पर उनके रिकार्ड मे मक्के की फसल लिख दी गई है। वहीं कई किसान के रकबे में भी भारी भरकम कटौती करने की बात सामने आ रही है। जिसके चलते बुधवार को ग्राम मारंगपुरी के कर्ज तले दबे किसान धनीराम मरकाम ने रखबे में कटौती होने के कारण तनाव में आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार धनीराम मरकाम पिता मंगलू उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम मारंगपुरी (बड़ेराजपुर) के पास 6.70 एकड़ का भूमि स्वामित्व पट्टा है जिस पर लगभग 100 क्विटल धान का पंजीयन होना चाहिए जब उसने अपने रिश्तेदार प्रेमलाल नेताम को टोकन कटाने लेम्पस सलना भेजा तो उसे पता लगा कि वह 11 क्विटल धान ही बेच सकेगा। उसने 61932 रुपये का कर्ज बैंक से ले रखा है। इसके अलावा व्यापारियों के पास भी कर्ज है। जिसके चलते वह किसान तनाव में आ गया तथा आजके दिन बुधवार की सुबह-सुबह उठकर खेत की ओर गया तथा पेड़ पर फांसी लगा लिया। मृतक किसान की पत्नी ने वस्तुस्थिति से करवाया अवगत- मृतक की पत्नी सुमित्रा बाई मरकाम ने बताया कि उनका भाई प्रेमलाल नेताम मंगलवार को लेम्पस सलना में टोकन कटवाने गया था जहां उन्हें पट्टे के मुताबिक लगभग 100 क्विंटल धान का टोकन मिलना था किंतु ऑपरेटर ने उन्हें बताया कि उनको सिर्फ 11 क्विंटल धान के लायक ही पंजीयन है, बाकी रकबा पटवारी ने नहीं चढ़ाया है। मृतक काफी लंबा चौड़ा कर्ज ले रखा था तथा उसे कई अन्य खर्च भी करना था जिसके चलते वह तनाव में आ गया तथा उसे चिंता सताने लगी थी। जिससे वह तनाव में आ गया तथा रात भर सो नहीं पाया, सुबह उठकर खेत की ओर गया तथा उसने खेत के समीप एक झाड़ पर फांसी लगा लिया। मृतक की दो पुत्रियां लवेश्वरी (19) तथा कमलेश्वरी (17) हैं, पुत्र की चार साल पहले मौत हो चुकी है। तहसीलदार ने भी स्वीकारा, गिरदावरी में कर्मचारियों से हुई है गलतीयां- इस विषय पर बड़ेराजपुर तहसीलदार एच.आर नायक ने बताया कि उक्त मृतक किसान धनीराम मरकाम के पास कुल 6.72 एकड़ जमीन है जिसमे से उसने 6.54 एकड़ जमीन पर धान की फसल लगाया था, जिसमे लगभग 93 क्विंटल तक धान खरीदी हो सकती थी। लेकिन गिरदावरी में पटवारी द्वारा की गई गलती के कारण रेकॉर्ड में केवल 30 डिसमिल ही दिखा रहा है जिसके कारण उसके टोकन में केवल 11 क्विंटल ही देखा गया है, फिलहाल हमारे डकरा इस सम्बंध में जांच की जाएगी ।
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