जगदलपुर : देवभोग दुग्ध केंद्र सेमरा प्रभारी घोषित मात्रा से कम दुग्ध वितरण मामले में दोषी पाए गए, विधिक माप विज्ञान प्रयोगशाला के जांच में हुआ खुलासा

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जगदलपुर। शासन की महती योजना जिसके अंतर्गत आम लोगों की सुविधा का ख्याल रखते हुए उन्हें सस्ते और सुलभ व्यवस्था मुहैया कराना है लेकिन अब इसका दुरुपयोग सरकारी संस्थाएं किस प्रकार करती है इसका जीता जागता उदाहरण बस्तर जिले के सेमरा में स्थित छत्तीसगढ़ देवभोग दुग्ध शाखा में देखा जा सकता है इस देवभोग दुग्ध इकाई से दुग्ध की पैकेजिंग एवं दुग्ध का वितरण स्थानीय वितरकों के माध्यम से किया जाता है लेकिन उच्च अधिकारियों की लापरवाही पूर्ण रवैये के कारण स्थानीय सेमरा स्थित देवभोग इकाई के प्रभारी एवं उनके मातहत कर्मचारी आम लोगों को किस प्रकार कम दुग्ध पैकेजिंग कर उपभोक्ताओं को बेचकर मुख्यालय एवं शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों की अनदेखी कर जनता के साथ ठगी कर रहे हैं बीते 23 नवंबर को जगदलपुर कोतवाली थाना में एक शिकायतकर्ता द्वारा इस बाबत एक शिकायत दर्ज कराई गई की उसके द्वारा जो देवभोग दूध का पैकेट लिया गया था उसमें 50ml दूध कम है जिसकी जांच होनी चाहिए।तब थाना कोतवाली ने इस शिकायत को संज्ञान में लेकर दूध पैकेट को जब्त कर मामला कार्यालय निरीक्षक विधिक माप विज्ञान को भेजा।जहाँ माप विज्ञान प्रयोगशाला में शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत एक दूध पैकेट में घोषित मात्रा से कम दूध पाया गया। जिसपर विधिक माप विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा दिनांक 3 दिसंबर 2020 को जांच के दौरान 4 पैकेट दूध खरीदा जिसके परीक्षण में दूध पैकेजिंग में दूध की मात्रा कम पाए जाने पर विधिक विज्ञान द्वारा देवभोग दुग्ध केंद्र सेमरा पर वस्तु अधिनियम 2011 के नियम 21 उप नियम 2 का उल्लंघन है एवं नियम 32(!!) के तहत दंडनीय अपराध माना गया है मामले की जांच के तहत प्रथम दृष्टया इस मामले में देवभोग दुग्ध केंद्र प्रभारी सेमरा को दोषी मानते हुए उसे विभाग द्वारा नोटिस जारी कर उसे 7 दिनों के भीतर विभाग में उपस्थित होकर अपना जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है साथ ही साथ इस बात की ताकीद दी गई है कि अगर वह समय अंतराल में उपस्थित होकर जवाब नहीं देते हैं तो वे आगे की विधिक कार्यवाही हेतु स्वयं जिम्मेदार होंगे इस मामले में गौरतलब है कि देवभोग सेमरा इकाई के प्रभारी जो लगभग 14 वर्षों से सेमरा ,जगदलपुर में पदस्थ हैं वह अपने मातहत के माध्यम से दुग्ध वितरण में कम दूध की पैकेजिंग कर शासन एवं आम जनता के साथ लगातार धोखाधड़ी कर रहे थे इसके अलावा इस प्रभारी पर देवभोग दूध की कीमत से ज्यादा वसूली एवं देवभोग खाद्य पदार्थ के वितरण में अपने चहेतों को वितरण का अधिकार बिना अपने उच्च अधिकारी से पूछ कर दिया जाता रहा है एक जानकारी के अनुसार देवभोग प्रभारी द्वारा करीब 10 वर्षो से इसी प्रकार कम मात्रा के दूध की पैकिंग कर लोगों से उसका पूर्ण मूल्य लेकर उसके साथ धोखाधड़ी की जाती रही है।
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