महिलाओं को झूठे मामले प्रस्तुत करने से बचने की डाॅ.श्रीमती नायक द्वारा दी समझाईश

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बिलासपुर 10 दिसम्बर 2020। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ.श्रीमती किरणमयी नायक द्वारा आज बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन-सुनवाई की गई। सुनवाई में 20 प्रकरण रखे गये थे जिसमें 7 प्रकरणों का निराकरण मौके पर ही किया गया। कल 11 दिसंबर को पुनः सुनवाई रखी गई है। डाॅ.श्रीमती नायक ने महिलाओं को झूठे मामले प्रस्तुत करने से बचने की समझाईश दी। उन्होंने कहा कि कानूनों का दुरूपयोग करने पर उनका लाभ नहीं मिल पाता है। प्रार्थना सभा भवन में आयोजित सुनवाई में मुख्य रूप से महिलाओं से मारपीट, मानसिक प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, टोनही प्रताड़ना, शारीरिक प्रताड़ना से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की गई। महाराणा प्रताप चौक बिलासपुर निवासी एक आवेदिका ने अपने सास ससुर के खिलाफ आयोग के समक्ष शिकायत किया था कि उनके सास-ससुर द्वारा उनके पति के साथ-साथ उनके मायके वालों को भी धमकाया जा रहा है। क्योंकि उन्होंने अपने पसंद से विवाह किया था। अनावेदक महिला के ससुर ने सुनवाई में उपस्थित होकर बताया कि उन्होंने अपने बेटे को संपत्ति से वर्ष 2013 में ही बेदखल कर दिया है। फिर भी वे दोनों पति-पत्नी उनके घर में घुसकर अधिकार जमाते हैं। आयोग की अध्यक्ष ने इस प्रकरण को गंभीरता से सुना और इस पर निर्णय लेते हुए प्रकरण को नस्तीबद्ध करने का निर्देश दिया। क्योंकि इस प्रकरण में झूठी शिकायत और दबाव से संबंध बनाने का प्रयास किया गया था। एक प्रकरण में पति-पत्नी के बीच सुलह होने की संभावना है जिसे आयोग के समक्ष कल पुनः रखकर प्रकरण को निराकृत किया जाएगा। तखतपुर निवासी एक आवेदिका ने अपनी शिकायत में बताया था कि उनके घर के समीप स्थित मजार में जबरन कब्जा कर लिया गया है, जिसका विरोध करने पर उनके पति से झगड़ा किया गया। इस संबंध में तखतपुर थाने में रिपोर्ट भी नहीं लिखी गई। अतः उनकी जान-माल की सुरक्षा की जाए। अध्यक्ष डाॅ.श्रीमती नायक के निर्देश पर दोनों पक्षों के बीच सामाजिक समझौता कराने के लिये आयोग की ओर से वक्फ बोर्ड को पत्र भेजा गया और पूरे मामले की जांच कराकर प्रतिवेदन तीन माह के भीतर प्रस्तुत करने के लिये वक्फ बोर्ड के सचिव को कहा गया है। इसी तरह एक अन्य मामले में अशोक नगर सरकंडा निवासी आवेदिका ने आयोग के समक्ष गुहार लगाई कि उनके पति उन्हें मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। ससुराल वाले भी पति का साथ देते हैं, जिसके कारण वह अपने पुत्र के साथ अलग रहती है। उसे अपने पति से भरण-पोषण और उनका वाजिब हक दिलाया जाये और उनके ससुराल वालों पर भी कार्यवाही की जाये। इस प्रकरण में अनावेदक सुनवाई में अनुपस्थित रहा, अतः आयोग की अध्यक्ष डाॅ.श्रीमती नायक द्वारा एसईसीएल भटगांव एरिया जरही जिला सूरजपुर के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर अनावेदक की सैलरी स्लिप, संपत्तियों की जानकारी और रिकाॅर्ड के साथ आवश्यक रूप से जांजगीर जिले में सुनवाई के लिये उपस्थित रहने कहा गया साथ ही एसईसीएल थाना भटगांव के थाना प्रभारी को भी इस सुनवाई के दौरान अनावेदक की उपस्थिति सुनिश्चित कराने हेतु निर्देश दिया गया है। सुनवाई के दौरान कोविड-19 के गाईड लाईन का पालन किया गया और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सुनवाई पूरी की गई। आज की सुनवाई में बिलासपुर विधायक श्री शैलेष पाण्डेय, महापौर श्री रामशरण यादव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, बिलासपुर शहर कांग्रेस कमेटी के शहर जिलाध्यक्ष श्री प्रमोद नायक, संयुक्त कलेक्टर सुश्री दिव्या अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी श्री सुरेश सिंह एवं अन्य विभागीय अधिकारी-कर्मचारी आदि मौजूद रहे।
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