रजनीकांत जी

लेखक: संजय दुबे

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मेरी खुद की उम्र 60 की हो चली है, कृत्रिमता के चलते खुद को अपडेट रखता हूँ लेकिन एक कलाकार को दिल से मन से मानता हूँ वे है रजनीकांत। उनसे बड़े कलाकारों की एक बहुत बड़ी पंगत है जो कृतिमता को ओढ़े हुए है।आंख की पुतली पर भी बाहरी लेंस लगा है।आधुनिक शल्य चिकित्सा के सहारे झुर्रियों से निजात पा कर नायक बने हुए है लेकिन एक कलाकार बड़ी सहजता से अपने बदलते रूप को स्वीकार किया। सिर पर बाल गायब हो रहे है आंखों में चश्मा का पावर बढ़ रहा है,झुर्रियों का अतिक्रमण व्याप्त है जीवन की उम्र संख्या ऋणात्मक हो रही है लेकिन रजनीकांत धनात्मक हो रहे है,परिपक्व। 1975 से 1983 तक केआठ सालो में तमिल,तेलगु,मलयालम फिल्मो में उनकी प्रसिद्धि ठीक वैसी ही थी जैसी हिंदी फिल्मों में शत्रुघ्न सिन्हा की थी शायद उनसे ज्यादा भी। बस कंडक्टर से वे नायक बने और दक्षिण में वे छा गए। वे और कमल हासन दो ऐसे गैर हिंदी कलाकार थे जिन्हें हिंदी भाषी दर्शको ने बहुत प्यार दिया।इनको ये श्रेय भी जाता है कि उन्होंने डब न होने के जमाने मे भी हिंदी को अपना कर भाषाई दूरी को खत्म करने का बड़ा काम किया।। रजनीकांत एक्शन हीरो थे साथ ही कुछ खास अदायगी भी थी उनकी सिगरेट जलाना, चश्मा पहनने के ढंग ने कम से कम हम सबको ऐसा करने के लिए प्रेरित तो किया। रजनीकांत के नायकत्व में मारधाड़ की भी शैली जुदा थी। यदि आपने उनकी "गंगवा" फिल्म देखी हो तो उन्होंने बिना देखे बम को पीछे से पकड़ कर वापस भी फेका था(अविश्वसनीय)।हिंदी फिल्म "चालबाज" में वे सर्वाधिक पसंद किए गए।शिवाजी और बॉस के अलावा रोबोट में रजनीकांत खूब सराहे गए। उनको दक्षिण के अजीबोगरीब औऱ अविश्वसनीय मारपीट का जनक मान सकते है जो 100-200 गुंडों को अकेले धराशायी कर सकता है,लाखो गोलियों में से एक भी छू नही सकती है। खैर, रजनीकांत आज 70 साल के हो गये है। राजनीति में उनकी दस्तक हो चुकी है। थलइवा याने नायक बन रहे है।जिस तरफ के वे नायक है वहा फिल्मो ने अनेक मुख्यमंत्री के रूप में करुणानिधि, एम जी रामचंद्रन, जयललिता, एन टी रामाराव, दिए है तो अगले साल उम्मीद करे। जन्मदिन की शुभकामनाएं रजनीकांत जी।
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