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सरल, सुलभ और फुर्तीला हुआ राजस्व प्रशासन
रायपुर : किसी भी राज्य में आमजन से जुड़े प्रशासनिक काम-काज में राजस्व प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में सरकार की यह जिम्मेवारी होती है कि लोगों को सरल, सुलभ और सही समय पर इन सेवाओं का लाभ मिले। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राजस्व प्रशासन के कामकाज को सरल बनाया गया है। राज्य सरकार की इस सरलीकरण की प्रक्रिया से आमजन जो अपने जमीन-जायदाद के छोटे-छोटे से काम के लिए वर्षो कार्यालयों का चक्कर लगाते रहते थे उन्हें इससे बड़ी राहत मिली है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बीते दो साल के दौरान लोक सेवा केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के साथ ही नामांतरण, बंटवारा, नजूल भूमि, डायर्वसन, बटांकन, छोटे भू-खण्डों की रजिस्ट्री सहित अनेक राजस्व प्रकरणों के निराकरण की जटिलताओं को सरलीकृत किया गया है, जिससे लोगों को काफी सहूलियत हुई है। लोगों के राजस्व संबंधी काम अब काफी सहज और सरलता से हो रहे हैं, जिससे लोगों को फायदा हुआ है।
इसमें नई राजस्व प्रशासनिक इकाईयों का गठन किया जा रहा है। नई उप तहसील, तहसीलों और अनुभाग बनाए जा रहे है। राज्य में वर्षो पुरानी मांग को पूरी करते हुए बिलासपुर जिले से पृथक कर गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही नया जिला बनाया गया है, अब छत्तीसगढ़ 28 जिलों का राज्य बन गया है। लोगांे के राजस्व के काम उनके निवास स्थान से नजदीक में हों, इसके लिए नई तहसीलों का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस वर्ष 11 नवम्बर को राज्य के विभिन्न जिलों में 23 नई तहसीलों का शुभारंभ भी किया है। इन 23 नवीन तहसीलों का गठन राज्य के 15 जिलों में जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
इसी तरह लोगों को अपने बच्चों की शिक्षा के लिए जहां जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था वहीं मुख्यमंत्री ने लोगों की परेशानी को समझा और इसका स्थायी हल निकाला है। अब जिन माता-पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है, उनके बच्चों को जन्म लेते ही जाति प्रमाण पत्र प्रदाय करने का काम प्रदेश में किया जा रहा है। इससे लोगों को अब कार्यालयांे का चक्कर लगाने की आवश्यकता नही पड़ती।
मुख्यमंत्री ने एक अहम निर्णय लेतेे हुए छत्तीसगढ़ में छोटे भूखण्डों की खरीद बिक्री पर लगी रोक जैसे ही हटायी वैसे ही मध्यम वर्गीय परिवारों के चेहरे खिल उठे और उनका अपना स्वयं के आशियाना का सपना साकार हो उठा। राज्य में अब 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री की जा रही है। इससे राज्य के जरूरत मंद छोटे मेहनत मजदूरी करने वाले, छोटे व्यावसायी और आवासहीन जरूरत मंदों को काफी राहत मिली है। आवासहीन परिवारों को आवास बनाने मदद दी जा रही है। सरकार के कामकाज की सरलीकृत प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप राज्य के राजस्व में भी वृद्धि हुई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्व प्रशासनिक कामकाज के सरलीकरण के साथ ही राजस्व अभिलेखों के कम्प्यूटरीकृत कर उन्हें ऑनलाईन भी कर रही है ताकि लोग अपने घर बैठे ही अभिलेखों को देख और इसे प्राप्त कर सके। राज्य के कुल 20 हजार 89 ग्रामों के करीब दो करोड़ 26 लाख 8 हजार खसरे, 65 लाख 43 हजार बी-1 एवं 19 हजार ग्रामों के डिजिटाईज्ड नक्शा शीट भुईंया एवं भू नक्शा साफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाईन किया गया है। ई कोर्ट व्यवस्था के अंतर्गत राजस्व प्रकरणों को ऑनलाईन दर्ज कर करीब 5 लाख 18 हजार राजस्व प्रकरणों का निराकरण कर उनकी ऑनलाईन प्रविष्टिी भी की गई है। ई-कोर्ट के तहत राजस्व न्यायालय में संधारित मैनुअल दायरापंजी को भी अब ऑनलाईन कर दिया गया है। ई-कोर्ट प्रणाली से राजस्व प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से किया जा रहा है। राज्य सरकार के इन फैसलों से आमजन काफी राहत महसूस कर है।
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