छत्तीसगढ़ में मनरेगा में इस साल अब तक 10.72 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन

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बस्तर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव और रायगढ़ में दिसम्बर तक के लक्ष्य के विरूद्ध 100 प्रतिशत से ज्यादा काम

चालू वित्तीय वर्ष में 26.91 लाख परिवारों के 50.60 लाख श्रमिकों को रोजगार

रायपुर : छत्तीसगढ़ में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत अब तक दस करोड़ 72 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। बस्तर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव और रायगढ़ जिले में दिसम्बर-2020 तक के लक्ष्य के विरूद्ध 100 प्रतिशत से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष छत्तीसगढ़ के लिए कुल 15 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट निर्धारित किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में नवम्बर माह की समाप्ति तक प्रदेश के एक लाख 28 हजार 337 परिवारों को मनरेगा के तहत 100 दिनों से अधिक का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में वन अधिकार पट्टाधारी 21 हजार 168 परिवारों को भी 100 दिनों से अधिक का रोजगार मुहैया कराया गया है। इस मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कोरोना संक्रमण को रोकने लागू देशव्यापी लॉक-डाउन के दौर में प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर मनरेगा कार्य शुरू करने के निर्देश दिए थे। पंचायत प्रतिनिधियों और मनरेगा के मैदानी अमले की सक्रियता से लॉक-डाउन के बावजूद गांवों में लोगों को नियमित काम मिलते रहा। इससे श्रमिकों की आर्थिक जरूरतें पूरी होने के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुचारू रूप से संचालित होती रही। लॉक-डाउन समाप्त होने के बाद भी जरूरतमंदों को लगातार रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से 30 नवम्बर के बीच मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी के रूप में कुल 2305 करोड़ 17 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।

प्रदेश में मनेरगा कार्यों के माध्यम से इस वर्ष 26 लाख 91 हजार परिवारों के 50 लाख 60 हजार श्रमिकों को रोजगार दिया गया है। इनमें रोजगार पाने वाले महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। प्रदेश भर में इस वर्ष 33 हजार 750 दिव्यांगों को भी मनरेगा के माध्यम से सीधे रोजगार उपलब्ध कराया गया है जो कि पिछले चार वर्षों में सर्वाधिक है। बस्तर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव और रायगढ़ जिले ने मनरेगा में अच्छा प्रदर्शन करते हुए इस वर्ष अब तक दिसम्बर तक के लक्ष्य के विरूद्ध 100 प्रतिशत से अधिक रोजगार का सृजन किया है। बस्तर में दिसम्बर तक के निर्धारित लक्ष्य 21 लाख 35 हजार मानव दिवस के विरूद्ध 22 लाख 11 हजार मानव दिवस, कोंडागांव में 20 लाख 82 हजार मानव दिवस लक्ष्य के विरूद्ध 21 लाख 62 हजार मानव दिवस, रायगढ़ में 36 लाख 18 हजार मानव दिवस लक्ष्य के विरूद्ध 36 लाख 85 हजार मानव दिवस तथा दंतेवाड़ा में 13 लाख 47 हजार मानव दिवस लक्ष्य के विरूद्ध 13 लाख 61 हजार मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराया गया है। 

चालू वित्तीय वर्ष में अब तक राजनांदगांव जिले में सर्वाधिक 98 लाख 51 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। कबीरधाम में 70 लाख दो हजार, बलौदाबाजार-भाटापारा में 62 लाख 79 हजार, धमतरी में 53 लाख 84 हजार, बिलासपुर में 53 लाख एक हजार, बालोद में 48 लाख 31 हजार, रायपुर में 46 लाख 71 हजार, महासमुंद में 46 लाख 43 हजार, गरियाबंद में 43 लाख 19 हजार, मुंगेली में 40 लाख 96 हजार, सूरजपुर में 39 लाख 78 हजार, कांकेर में 37 लाख 67 हजार, रायगढ़ में 36 लाख 85 हजार, जशपुर में 35 लाख 91 हजार और कोरिया में 35 लाख 58 हजार मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

बेमेतरा में 34 लाख 69 हजार मानव दिवस, दुर्ग में 32 लाख 86 हजार, बलरामपुर-रामानुजगंज में 30 लाख छह हजार, कोरबा में 28 लाख छह हजार, सरगुजा में 23 लाख 65 हजार, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 22 लाख 84 हजार, बस्तर में 22 लाख 11 हजार, कोंडागांव में 21 लाख 62 हजार, सुकमा में 20 लाख 62 हजार, बीजापुर में 16 लाख 59 हजार, दंतेवाड़ा में 13 लाख 61 हजार तथा नारायणपुर जिले में इस वर्ष छह लाख 70 हजार मानव दिवस रोजगार जरूरतमंद श्रमिकों को अब तक मुहैया कराया जा चुका है।


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