पीएम के संबोधन की 10 महत्पूर्ण बातें

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 शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी के जन्म दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश के नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं। आज उन्होंने पीएम-किसान की सातवीं किस्त जारी की है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को संबोधित किया और विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने देश के विभिन्न किसानों से बात भी की और केंद्र की इस योजना से उन्हें क्या लाभ हुआ है इसे लेकर भी चर्चा की। नीचे पढ़ें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की 10 महत्वपूर्ण बातें....

•प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरूआत में कहा कि आज नौ करोड़ से अधिक किसान लाभार्थियों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें ना कोई बिचौलिया था और ना ही कोई कमीशन लिया गया।

• 2014 के आम चुनावों में जीत के बाद भाजपा सरकार ने नई अप्रोच के साथ काम करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों की छोटी-छोटी दिक्कतों, कृषि के आधुनिकीकरण और उसे भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार करने पर ध्यान दिया है।

•पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की कोशिश रही है कि किसानों को लाभ हो और उन्हें उनकी फसल की उचित कीमत मिले। उन्होंने कहा, 'हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना एमएसपी किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर एमएसपी मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई।'

•प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि सुधार किसानों के लिए लाभान्वित साबित हो रहे हैं। इससे उन्हें पता चल रहा है कि अपनी फसल का उचित मूल्य वो कहां से प्राप्त कर सकते हैं, जिससे वो अपनी मर्जी से कहीं भी फसल बेच सकते हैं।

•इस दौरान पीएम ने देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भी बात की और विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, 'हम गांवों में किसानों के लिए जीवन आसान बना रहे हैं। आज बड़े-बड़े भाषण देने वालों ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया, जब वे सत्ता में थे। हम 1,000 से अधिक मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा है, जहां 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार पहले ही हो चुका है। कुछ लोग किसानों की जमीन को लेकर चिंतित हैं। हम सभी उन लोगों के बारे में जानते हैं जिनका नाम मीडिया में भूमि कब्जाने के लिए आया था।'

•इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा और कहा, 'कुछ राजनीतिक दल नए कृषि कानूनों का विरोध करके राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। कुछ नेता किसानों के विरोध के नाम पर अपनी राजनीतिक विचारधारा को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। ये वही लोग हैं जो वर्षों तक सत्ता में रहें। इनकी नीतियों की वजह से देश की कृषि और किसान का उतना विकास नहीं हो पाया जितना उसमें सामर्थ्य था। पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद छोटा किसान हुआ।

•प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से सवाल करते हुए कहा, 'मैं इन दलों से पूछता हूं कि यहां फोटो निकालने के कार्यक्रम करते हैं, जरा केरल में आंदोलन करके वहां तो एपीएमसी चालू कराएं। पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, केरल में यह व्यवस्था शुरू कराने के लिए आपके पास समय नहीं है।'

•इसके अलावा, पीएम मोदी के निशाने पर ममता बनर्जी भी थीं। उन्होंने कहा, 'पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। बंगाल की सरकार के राजनीतिक कारणों से उनके राज्यों के किसानों को पैसे नहीं मिल रहे हैं।'

•उन्होंने आगे कहा, 'जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां किसान के नाम पर देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं। ये दल मंडियों की बात कर रहे हैं और बड़ी-बड़ी हेडलाइन लेने के लिए भाषण दे रहे हैं, लेकिन वही दल जिन्होंने बंगाल को बर्बाद किया। केरल के अंदर उनकी सरकार है। इससे पहले जो 50-60 साल राज करते थे उनकी सरकार थी केरल में एपीएमसी मंडियां नहीं हैं। केरल में आंदोलन करके वहां एपीएमसी शुरू कराओ।'

•इस दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों को क्रिसमस की शुभकामनाएं भी दीं और किसानों के लिए खुशी और सद्भावना आने की कामना की। उन्होंने कहा, 'किसानों के जीवन में खुशी, हम सभी की खुशी बढ़ा देती है। सभी देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि क्रिसमस का ये त्योहार विश्व में प्रेम, शांति और सद्भाव का प्रसार करे।'


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