कोरोना की खैर नहीं: रायपुर के पांच केन्द्रों मे चल रहा कोरोना टीकाकरण अभियान

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रायपुर : देश व्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत आज यहां रायपुर में पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में टीकाकरण शुरू हो गया है। मेडिकल कॉलेज ऑपरेशन थिएटर में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी श्रीमती तुलसा तांडी को कोविशील्ड वैक्सीन की पहला टीका लगाया है। पंडरी जिला चिकित्सालय में हेमन्त दुबे को पहला टीका लगाया गया। इसी तरह एम्स रायपुर के डायरेक्टर डॉ. नितिन नागरकर को वहां पहला टीका लगाया गया।

टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले दिल्ली से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े और उन्होंने विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान जो भारत में भी शुरू किया गया है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कोविड टीकाकरण प्रारंभ होने पर हर प्रदेशवासियों सहित मेडिकल वर्कर्स को शुभकामनाएं दी है। आज शुरू हुए टीकाकरण में मेडिकल कॉलेज रायपुर में करीब एक सौ मेडिकल वर्कर्स को टीकाकरण लगाया जा रहा है। टीकाकरण अभियान के दौरान आज इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज रायपुर में कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, एनयूएचएम की एमडी डाॅ. प्रियंका शुक्ला, मेडिकल काॅलेज की डीन डाॅ. विष्णु दत्ता, अधीक्षक डाॅ. विनीत जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर, जिला में टीकाकरण की नोडल अधिकारी सुश्री शिम्मी नाहिद सहित अन्य जिला प्रशासन के अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी तथा स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

गौरतलब है कि रायपुर जिले के पांच केन्द्रों में आज टीकाकरण का शुभारंभ किया गया है, जिसमें एम्स, पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल पंड़री, एनएचएमएमआई हॉस्पिटल एवं मिशन हॉस्पिटल तिल्दा शामिल है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पदाधिकारी रायपुर श्रीमती डाॅ. मीरा बघेल ने बताया कि उपरोक्त प्रत्येक टीकाकरण केन्द्रों में 100-100 हितग्राहियों को टीकाकृत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है ,जिनका नाम पूर्व से कोविन पोर्टल में दर्ज है। उक्त टीकाकरण कार्य के लिये प्रत्येक टीकाकरण केन्द्रों में दो-दो वैक्सीनेटर, दो-दो निगरानीकर्ता, दो-दो रिकार्ड जॉच कर्मी, सुरक्षा कर्मी, मोबलाईजर एवं प्रत्येक टीकाकरण केन्द्रों के लिये नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गई है।

कोविड-19 वैक्सीन हितग्राही को लगने के बाद उनको 30 मिनट तक आब्जरवेशन (निगरानी) कक्ष में बैठाया जावेगा, इस दौरान किसी भी प्रकार की एडवर्स ईवेन्ट होने की स्थिति में तत्काल प्राथमिक ईलाज प्रारंभ करते हुये ऐसे मरीजों को जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज हास्पिटल में रिफर करने की व्यवस्था की गई है, इसके लिए 108 एम्बुलेन्स को एलर्ट पर रखा गया है। निगरानी कक्ष में चिकित्सक, आरएमए एवं प्रशिक्षित नर्सिग स्टॉफ की ड्यूटी लगायी गई है।


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