शानदार पंत, बेमिसाल पुजारा, शुभ गिल, सचमुच सुंदर

लेखक - संजयदुबे

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134 करोड़ लोगों में से कल बहुत कम लोग ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन के गाबा में चल रहे अंतिम टेस्ट की भारत के द्वारा खेले जा रहे चौथी पारी को देख रहे होंगे क्योकि एक तो टेस्ट,ऊपर से ऑस्ट्रेलिया के साथ फिर भारत के दिग्गज खिलाड़ी गायब, फिर 328 रन का लक्ष्य? मेरे जैसा क्रिकेट प्रेमी भी यही सोंच रहा था कि बराबरी पर खत्म हो जाये तो राम - राम। हम विदेशों में जीतते ही कहॉ है? ये बात भी दिमाग मे थी।

सुबह 70/1 स्कोर को देखकर लगा कि जब पुजारा है तब तक तो समय खसकते रहेगा हार टालते जाएंगे। शुभमन गिल नये खिलाड़ी है सो उनपर कम विश्वास था लेकिन वे अपनी ख़ासियत को सिद्ध करने में कोई कमी नही छोड़ी। वे सधी हुई पारी खेले। देखा जाए तो गिल ने ही जीत की बुनियाद रखी थी जिसपर टिकाऊ पुजारा ने आधार रखा लेकिन शुभमन (91) औऱ पुजारा(56) के योगदान से ज्यादा अहमियत ऋषभ पंत की बड़ी पारी(89 नाबाद) औऱ वाशिंगटन सुंदर(22) का था जिन्होंने टेस्ट को वनडे में बदल दिया।

हम लोग जीत के चश्मदीद गवाह बने क्योकि आफिस में काम के साथ साथ आखरी 20 ओवर में बनाये जाने 100 रन का हिसाब किताब लगा रहे थे। पुजारा के आउट होने के बाद लगा कि कहीं......? जीत को बराबरी पर टालना तो नहीं पड़ेगा। ऋषभ ने हमारी सोंच पर कई ड्राइव लगा कर संशय से बाहर वैसे ही किया जैसे जीत के लिए शानदार स्टेट ड्राइव लगाया था। पंत को मैं हमेशा धोनी के चश्मे से देखता था तो वे पूर्ण से कम गम्भीर खिलाड़ी दिखते। विकेट के पीछे कुछ कैच यूं ही छोड़ देते तो लगता कि पीछे कोई और होना चाहिए। ब्रिस्बेन टेस्ट में ऋषभ टेस्ट कहा जाए तो अतिश्योक्ति नही होगी।

वे लक्ष्य के पीछे नही दौड़े बल्कि उसके आगे बढ़ते गए और जब उनके बल्ले से विजयी सूचक स्ट्रोक निकला तो सचमुच जीत के रोंगटे खड़े हो गये। निश्चित रूप से इस जीत ने पंत को क्रिकेट का सुमित्रानंदन पंत बना दिया है। अजिंक्या तुझा बधाई। टीम इंडिया को 140 करोड़ शुभकामनाएं, विदेश, वो भी नस्लभेदी टिप्पणी करनेवाले ऑस्ट्रेलिया में शानदार जीत के लिए।

सिराज तुमको जवाब देने की जरूरत नहीं है। देश जवाब दे चुका है। ऋषभ की जीत की फ़ोटो देख तो लो


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