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छत्तीसगढ़ में 19 लाख से अधिक किसानों से 81 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी, 13849 करोड़ रुपए का हुआ भुगतान
रायपुर : छत्तीसगढ़ में 20 जनवरी तक 19 लाख 2 हजार किसानों से 81 लाख 5 हजार मेट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। खरीदे गए धान के एवज में किसानों को 13 हजार 849 करोड रुपए का भुगतान उनके खाते में किया जा चुका है। राज्य में इस साल 1 लाख 93 हजार नए किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। गिरदावरी के माध्यम से लगभग 2 लाख 52 हजार नए किसानों के 2 लाख 42 हजार हेक्टेयर नए रकबे का पंजीयन धान खरीदी के लिए किया गया। गिरदावरी के प्रकरणों में 48 हजार 645 किसानों के रकबे में सुधार का काम भी राज्य में हुआ है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु कुल 21.48 लाख किसानों का पंजीयन किया गया, जो गतवर्ष पंजीकृत किसान संख्या 19.55 लाख की तुलना में लगभग 1.93 लाख अधिक है। राज्य में धान विक्रय हेतु इस वर्ष पंजीकृत कृषकों की संख्या, अब तक की सर्वाधिक पंजीकृत संख्या है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु कुल 27.90 लाख हेक्टेयर धान के रकबे का पंजीयन किया गया है, जो गतवर्ष पंजीकृत रकबे 26.86 लाख हेक्टेयर रकबे की तुलना में लगभग 1.04 लाख हेक्टेयर अधिक है। राज्य में धान विक्रय हेतु इस वर्ष पंजीकृत रकबा, अब तक का सर्वाधिक पंजीकृत रकबा है। इस वर्ष फौती, जमीन बिक्री आदि कारणों से लगभग 56 हजार कृषकों का पंजीयन गिरदावरी कर निरस्त किया गया। फौती, जमीन बिक्री आदि विभिन्न कारणों से निरस्ती की उक्त कार्यवाही प्रतिवर्ष होने वाली सामान्य प्रक्रिया है। इसके साथ ही इस वर्ष गिरदावरी के माध्यम से लगभग 2.52 लाख नये किसानों के लगभग 2.42 लाख हेक्टेयर नवीन रकबे का भी पंजीयन किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार अपूर्ण एवं त्रुटिपूर्ण गिरदावरी के प्रकरणों में अब तक लगभग 48 हजार 645 कृषकों के रकबे में आवश्यक सुधार की कार्यवाही भी की जा चुकी है। इस सुधार के फलस्वरूप अब तक लगभग 29 हजार 611 हेक्टेयर रकबे की वृद्धि हुई है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में असर्वेक्षित-वनग्रामों के लगभग 36 हजार 516 किसानों का भी पंजीयन धान विक्रय हेतु किया गया है। इसमें से लगभग 26 हजार 694 किसानों द्वारा लगभग 8.55 लाख क्विंटल धान का विक्रय किया जा चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में कुल पंजीकृत 21.48 लाख कृषकों में से अब तक लगभग 19.02 लाख किसानों से लगभग 81.05 लाख मे. टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। गतवर्ष इसी अवधि में 12.18 लाख किसानों से 50.80 लाख मे. टन धान का उपार्जन किया गया था। इस प्रकार गतवर्ष की तुलना में अब तक लगभग 56 प्रतिशत अधिक कृषकों से लगभग 60 प्रतिशत अधिक मात्रा का धान उपार्जित किया जा चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अब तक लगभग 89 प्रतिशत पंजीकृत कृषक अपने धान का विक्रय कर चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी हेतु निर्धारित अंतिम तिथि तक शेष किसानों से धान उपार्जन की प्रक्रिया जारी रहेगी। धान बेचने वाले कृषकों को विक्रय किये गये धान के एवज में अब तक 13 हजार 849 करोड़ रूपये से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि गत वर्ष इस अवधि तक लगभग 26.98 लाख मे. टन धान का उठाव डी.ओ. और टी.ओ. के माध्यम से किया गया था। जिसकी तुलना में इस वर्ष अब तक लगभग 35.99 लाख मे टन अर्थात 9.01 लाख मे. टन धान का अधिक उठाव किया जा चुका है, जो गतवर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि गतवर्ष की तुलना में इस वर्ष डी.ओ. के माध्यम से लगभग 2 प्रतिशत एवं टी.ओ. के माध्यम से 182 प्रतिशत अधिक धान का उठाव उपार्जन केन्द्रों से अब तक किया जा चुका है। खरीफ वर्ष 2020-21 में अनुमानि धान उपार्जन 89.00 लाख मेट्रिक टन हेतु लगभग 4.45 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता संभावित है। जिसके परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार से 3.5 लाख गठान नये जूट बारदानें अपेक्षित थे। इसके विरूद्ध सर्वप्रथम भारत सरकार द्वारा 3 लाख गठान नये जूट बारदानों की आपूर्ति की सहमति दी गई, किन्तु कालांतर में भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को आपूर्ति किये जाने वाले नये जूट बारदानों की आपूर्ति में आधे से अधिक मात्रा की कटौती करते हुए, केवल 1.45 लाख गठान जूट बारदानों की आपूर्ति हेतु स्वीकृति दी गई।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उक्त स्वीकृति के अनुकम में पर्याप्त समय पूर्व ही जूट कमिश्नर को इण्डेंट प्रेषित कर अग्रिम राशि अंतरित कर दी गई थी, आज की स्थिति में छत्तीसगढ़ को केवल 1.09 लाख गठान बारदाने ही जूट कमिश्नर से प्राप्त हुए है। इस प्रकार कटौती उपरांत प्राप्त होने वाले बारदानों में से भी 36 हजार गठान बारदानों की आपूर्ति अब भी शेष है, जिसकी शीघ्र आपूर्ति के लिए जूट कमिश्नर, कोलकाता व भारत सरकार से निरंतर अनुरोध किया जा रहा है। नये जूट बारदानों की आपूर्ति में सम्भावित कमी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार द्वारा, भारत सरकार से माह जनवरी में 1.10 लाख गठान नये जूट बारदानों की अतिरिक्त आपूर्ति की अनुमति मांगी गई है, जो अब तक अप्राप्त है।
भारत सरकार द्वारा नये जूट बारदानों की आपूर्ति में कटौती किये जाने के फलस्वरूप राज्य सरकार द्वारा किसानों की सुविधा के दृष्टिकोण से एचडीपीई-पीपी बारदानों का क्रय कर बारदानों की वैकल्पिक व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। कृषको से धान खरीदी हेतु अब तक लगभग 32 हजार गठान एचडीपीइ-पीपी बारदाने उपलब्ध कराये जा चुके है। ऽ कोविड-19 के कारण एचडीपीई-पीपी बारदानों की आपूर्ति में सम्भावित कमी को दृष्टिगत रखते हुए 30 एचडीपीई-पीपी बारदानों के पुनः उपयोग की अनुमति भी प्रदान की गई है। इस तरह धान खरीदी हेतु अब तक लगभग 62 हजार गठान एचडीपीई-पीपी बारदानों की उपलब्धता राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित की जा चुकी है।
ऽ अब तक 76 हजार गठान पीडीएस बारदानों एवं 1.54 लाख गठान मिलर के पुराने बारदानों का संकलन कर धान खरीदी हेतु प्रयोग किया जा रहा है। इन बारदानों के अधिक से अधिक संग्रहण हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इन समस्त प्रयासो के अतिरिक्त किसानों की सुविधा के लिए किसान बारदानों के साथ समिति के पुराने जूट बारदानों मे भी खरीदी हेतु प्रावधान किये गये है। इसके लिए किसानो को 15 रूपये प्रति बारदाने की दर से राशि का भुगतान किया जा रहा है, जो धान खरीदी की राषि के अतिरिक्त कृषकों को प्राप्त होगी। अब तक लगभग 64 हजार गठान किसान एवं समिति बारदानों में धान की खरीदी की जा चुकी हैं। इस प्रकार केन्द्र सरकार द्वारा बारदानों की न्यून आपूर्ति के बावजूद किसानों को धान विक्रय में असुविधा न हो, इस दृष्टिकोण से बारदानों की संभावित कमी की प्रतिपूर्ति हेतु, नये जूट बारदानों की अतिरिक्त मांग के साथ अन्य वैकल्पिक प्रयास भी राज्य सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे है।
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अनुमानित धान उपार्जन 89.00 लाख मे. टन के विरूद्ध अब तक लगभग 81.05 लाख मे. टन धान का उपार्जन किया जा चुका है एवं लगभग 7.95 लाख मे. टन धान का उपार्जन किया जाना शेष है। शेष धान के उपार्जन हेतु लगभग 40 हजार गठान बारदानों की आवश्यकता होगी, जिसके विरूद्ध वर्तमान स्थिति में 40 हजार गठान बारदाने उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त कस्टम मिलिंग हेतु धान के उठाव से लगभग 10 हजार गठान मिलर बारदाने प्राप्त होने है। वर्तमान में धान के उठाव के लगभग 10 से 12 हजार गठान मिलर बारदाने प्रति सप्ताह प्राप्त हो रहे है। अतः धान खरीदी की शेष अवधि में 10 हजार गठान मिलर बारदाने प्राप्त होने की पूर्ण सम्भावना है। साथ ही लगभग 2 हजार गठान एचडीपीईध्पीपी बारदानों की नवीन आपूर्ति होने की भी पूर्ण संभावना है। इसी प्रकार पीडीएस दुकानों से अतिरिक्त बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत माह फरवरी 2021 के खाद्यान्न आबंटन का वितरण माह जनवरी में किये जाने की अनुमति प्रदान की गई है। इस प्रकार शेष खरीदी हेतु कुल 40 हजार गठान बारदानों की आवश्यकता के विरूद्ध शतप्रतिशत् बारदानों की आपूर्ति राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त जूट कमिश्नर के माध्यम से लगभग 36 हजार गठान नये जूट बारदाने भी अपेक्षित है। उपरोक्त व्यवस्था के बावजूद भी यदि किसी समिति में बारदानों की आवश्यकता उत्पन्न होती है, तो इस हेतु किसान बारदानों में धान खरीदी की अनुमति भी राज्य शासन द्वारा प्रदाय की गई है। इस प्रकार धान खरीदी हेतु राज्य में बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था है। बारदानों के अभाव के कारण राज्य में कही भी धान की खरीदी बंद नहीं हुई है।
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