शपथ ग्रहण से पहले भारत के साथ आया बाइडेन प्रशासन, चीन और पाकिस्‍तान को दी सख्‍त चेतावनी

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 वाशिंगटन : अमेरिका में भले सत्‍ता में बदलाव हो रहा है, चीन और पाकिस्‍तान के प्रति उनकी नीतियां पहले पहले जैसी रहने वाली हैं। इससे दोनों देशों को करारा झटका लगा है। शपथ ग्रहण से पूर्व जो बाइडेन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि भारत के साथ सीमा विवाद कर रहे चीन के खिलाफ अमेरिकी सख्‍ती ट्रंप प्रशासन की तरह से ही जारी रहेगी। वहीं पाकिस्‍तान को भी बाइडेन प्रशासन ने कुख्‍यात संगठन लश्‍कर ए तैयबा और अन्‍य भारत विरोधी आतंकवादियों को पालने के खिलाफ कार्रवाई के लिए आगाह किया है। नामित रक्षा मंत्री ने सांसदों को बताया कि बिडेन प्रशासन का उद्देश्य भारत के साथ अमेरिका की रक्षा साझेदारी को जारी रखना है। 

भारत के साथ हमारे रक्षा संबंध जारी रहेंगे

सीनेट के सामने अपनी नियुक्ति की पुष्टि करते हुए अपनी अमेरिका के भावी रक्षा मंत्री जनरल (अवकाश प्राप्त) लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि यदि पुष्टि की जाती है तो मेरा अतिव्यापी उद्देश्य भारत के साथ हमारे रक्षा संबंधों के लिए साझेदारी को जारी रखना होगा। ऑस्टिन ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया, जो बिडेन ने उन्हें अपना रक्षा मंत्री नामित किया है। ऑस्टिन ने कहा कि मैं भारत के प्रमुख रक्षा साझेदार के रूप आगे भी जारी रखूंगा। अमेरिका और भारतीय साझा सैन्‍य हितों के सहयोग के लिए मौजूदा मजबूत रक्षा सहयोग का निर्माण करना जारी रखूंगा। 

लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि चीन पहले ही ‘क्षेत्रीय प्रभुत्वकारी शक्ति बन चुका है। अब उसका लक्ष्य नियंत्रणकारी विश्वशक्ति बनने का है। उन्होंने अमेरिकी सांसदों से बात करते हुए क्षेत्र और विश्‍व में चीन के ‘डराने-धमकाने वाले व्यवहार’का उल्लेख करते हुए ये बातें कहीं। ऑस्टिन ने कहा कि चीन हमसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए काम कर रहे हैं और उनके प्रयास नाकाम करने के लिए पूरी सरकार को एक साथ मिल कर विश्वसनीय तरीके से काम करने की जरूरत होगी।

चीन का सामना मजबूती से करना होगा

ऑस्टिन ने कहा कि हम चीन या किसी भी आक्रामक के सामने पुख्ता प्रतिरोधी क्षमता पेश करना जारी रखेंगे। उन्हें बताएंगे कि यह (आक्रामकता) सचमुच एक बुरा विचार है। ऑस्टिन ने कहा कि चीन मौजूदा समय में प्रभावी खतरा है क्योंकि वह उभार पर है, वहीं दूसरी तरफ रूस भी खतरा है लेकिन वह उतार पर है।

उधर, अमेरिका के भावी विदेश मंत्री एंथोनी ब्लिंकेन ने भी चीन को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के तौर पर पहचान करते और चिंता व्यक्त की। ब्लिंकेन ने कहा कि अमेरिका को इस चुनौती का सामना मजबूती की स्थिति से करना चाहिए न कि कमजोरी से। सीनेट की विदेश मामलों की समिति में नियुक्ति की पुष्टि के लिए हुई सुनवाई में ब्लिंकेन ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि एक राष्ट्र के तौर पर चीन हमारे हितों, अमेरिकी लोगों के हितों के लिए सबसे अधिक चुनौती पेश कर रहा है।


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