बर्ड फ्लू के संक्रमण के नियंत्रण हेतु कन्ट्रोल रूम गठित -डाॅ. जगत जिला स्तरीय नोडल नियुक्त.

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सुकमा। छत्तीसगढ़ राज्य में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। बस्तर संभाग के दन्तेवाड़ा एवं बस्तर जिले से मृत पक्षियों के सेम्पल जो जांच हेतु राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला रायपुर भेजे गए थे उसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए बर्ड फ्लू के संक्रमण को रोकना आवश्यक है। जिस हेतु विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को बर्ड फ्लू रोग नियंत्रण के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। सीमावर्ती प्रदेश से पक्षियों के परिवहन पर कड़ी नजर रखने और पक्षियों में किसी भी प्रकार के बीमारी या असामान्य लक्षण अथवा पक्षियों की आकस्मिक मृत्यु होने पर तत्काल अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिला अन्तर्गत शासकीय, अशासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्रों एवं पोल्ट्री व्यवसायिक केन्द्रों का सर्विलेंस करने, संबंधित को जैव सुरक्षा के नियमों के अवगत कराते हुए उनका पालन कराने, जिले में पशुधन विकास, स्वास्थ्य एवं वन विभाग के बीच समन्वय स्थापित करने और भारत सरकार में गाईड लाईन्स में दिए गए सैम्पल साईज का पालन करते हुए नमूने एकत्र कर पाक्षिक अंतराल में जिला पशु चिकित्सालय सुकमा को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। विकारीय सामग्री विक्रय करने वाले बाजार वीट मार्केट, पोल्ट्री मार्केट, चैन सप्लाई क्षेत्र, बतख पालन वाले क्षेत्र एवं जंगली अप्रवासी पक्षियों के इलाके में विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग से समन्वय स्थापित कर अक्सर अप्रवासी पक्षियों के देखे जाने वाले क्षेत्र-राष्ट्रीय अभ्यारण, पोखर, झील को चिन्हांकित कर उन क्षेत्रों के समीप के पोल्ट्री पापुलेशन के निगरानी हेतु विशेष कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल करने और पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू रोग एवं रोकथाम संबंधी जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। बैकयार्ड पोल्ट्री एवं व्यवसायिक पोल्ट्री से जुड़े सभी लोगों को पक्षियों में असामान्य बीमारी एवं मृत्यु की सूचना तुरन्त निकटतम पशु चिकित्सालय संस्था में देने संबंधी जानकारी देने भारत सरकार के गाईड लाइन्स में रोग उद्भेद की स्थिति से निपटने आवश्यक उपकरण रसायन एवं पीपीई किट तैयार रखने और जिले के शासकीय व निजी पोल्ट्री व्यवसायिक केन्द्र इत्यादि में जैव सुरक्षा के सभी नियमों के अवगत कराने एवं उनका पालन किए जाने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। बर्ड फ्लू रोग के नियंत्रण हेतु डॉ. सुमेर सिंह जगत को जिला स्तरीय नोडल नियुक्त किया गया है। डाॅ. जहीरूद्दीन, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें ने बताया कि बर्ड फ्लू का संदेह होने पर उच्च अधिकारियों को तुरंत सूचित करें। फार्म परिसर से पक्षी और कर्मचारियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करे मुर्गियो तथा अन्य पालतू पक्षी और वन्य पक्षियों के बीच प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संपर्क को कम करें, पक्षियों अथवा झुण्ड को अलग करें। जिले में बर्ड फ्लू के रोकथाम हेतु जिला नोडल अधिकारी डॉ. सुमेर सिंह जगत को कंट्रोल रूम में सूचित करें जिनका हेल्पलाईन मोबाईल नंबर 9630908273 है। बर्ड फ्लू के संबंध में किसी भी प्रकार की सूचना उक्त नंबर के माध्यम से दी जा सकती है। दूसरे जिले एवं राज्य के बाहर से मुर्गी एवं अन्य पालतू पक्षी परिवहन न करने हेतु मुर्गी पालकों को सलाह दी गई है तथा सभी चेक पोस्ट पर विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों की ड्युटी लगाई गई है। बर्ड फ्लू बीमारी को फैलने से रोकने हेतु सतर्कता आवश्यक है। सीमावर्ती प्रदेशों से पक्षियों के परिवहन पर कड़ी निगरानी विभागीय कर्मचारियों द्वारा रखी जा रही है तथा नियमित रूप से विभागीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिले के सभी मुर्गी दुकानों को एहतियात के तौर पर सेनेटाइज उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ. जहीरूद्दीन के मार्गदर्शन में कलेक्टर द्वारा दिये गये निर्देशानुसार किया जा रहा है। ताकि संकमण से बचा जा सके। मुर्गीपालकों को बर्ड फ्लू से सावधानी बरतने हेतु बैठक लेकर आवश्यक जानकारी दी गई।
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