गिधवा-परसदा एवं मुरकुटा के ग्रामीणों का दल जाएगा पक्षियों के अध्ययन अवलोकन के लिए ओड़िशा के चिल्का झील

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  रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा, मुरकुटा सहित आस-पास के ग्रामीणों को देशी एवं विदेशी पक्षियों की सुरक्षा एवं संरक्षण के बारे में जागरूक एवं प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से उन्हें 14 फरवरी को ओड़िशा स्थित चिल्का झील ले जाया जाएगा। इसको लेकर वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड ने संयुक्त रूप से अध्ययन दल के लिए ग्रामीणों के चयन एवं भ्रमण को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। गिधवा-परसदा एवं मुरकुटा गांव के 30 ग्रामीणों का दल 10-10 के समूह में पक्षियों के अवलोकन एवं अध्ययन के लिए 14 फरवरी को चिल्का झील के लिए रवाना होगा।

    गौरतलब है कि बेमेतरा जिले के ग्राम गिधवा-परसदा (वि.ख.नवागढ़) में तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव का आयोजन 31 जनवरी से 2 फरवरी तक किया गया था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 2 फरवरी को पक्षी महोत्सव हमर चिरई-हमर चिन्हारी के समापन अवसर पर गिधवा-परसदा सहित आस-पास के गांवों में सर्दी के मौसम में आने वाले प्रवासी पक्षियों के संरक्षण-प्रबंधन एवं गिधवा-परसदा में पक्षी जागरुकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य के विभिन्न वेटलैण्ड में आने वाले मेहमान प्रवासी पक्षियों संरक्षण एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी छ.ग.राज्य जैवविविधता बोर्ड की होगी। गिधवा-परसदा में हर साल बड़ी संख्या में विभिन्न देशों से प्रवासी पक्षी आकर बसेरा करते हैं। गिधवा-परसदा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने की भी घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी।

    वन मंडलाधिकारी दुर्ग धम्मसील गणवीर ने बताया कि मुख्यमंत्री की उक्त घोषणा के परिपालन में वन विभाग एवं जैव विविधता बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से ग्राम गिधवा-परसदा, मुरकुटा एवं आस-पास के ग्रामीणों को पक्षियों की सुरक्षा, संरक्षण एवं प्रबंधन के बारे में जागरूक बनाने की पहल के तहत उन्हें पक्षियों के अवलोकन एवं अध्ययन के लिए उड़ीसा स्थित चिल्का झील ले जाया जाएगा।  

 


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