नाबालिग बालिका का विवाह रोकने में प्रशासन कामयाब, 18 वर्ष पूर्ण होने के बाद विवाह करने की समझाईश

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 रायपुर : बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के बिलाईगढ़ में प्रशासन की सतर्कता और संयुक्त प्रयास से नाबालिग बालिका के विवाह को रोकने में कामयाबी मिली। जिला बाल संरक्षण इकाई ने पुलिस के सहयोग से नाबालिग बालिका के परिजनों को अभी उसका विवाह न करने की समझाईश देने के साथ ही इस आशय का घोषणा पत्र भराया गया है कि बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह हो सकेगा। गौरतलब है कि कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के मार्गदर्शन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले में बाल विवाह की रोकथाम के संबंध में जन जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है।

       जिला बाल संरक्षण इकाई बलौदाबाजार को 14 फरवरी को बिलाईगढ़ विकासखण्ड के एक गांव की 15 वर्षाीय किशोरी बालिका के विवाह आयोजन की सूचना प्रदान प्राप्त हुई। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई तथा बिलाईगढ़ थाना की संयुक्त टीम विवाह स्थल पर गांव पहॅुची। विवाह स्थल पर उपस्थित वर-वधु के परिजनों से आयु के संबंध में पूछताछ करने पर बालिका की आयु साढ़े 15 वर्ष पाई गई। अधिकारियों की टीम ने बालिका के परिजनों एवं ग्रामीणों को इस मौके पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी गई एवं 18 वर्ष से कम आयु में विवाह करने से बालिकाओं को होने वाले शारीरिक नुकसान एवं दुष्परिणामों की भी जानकारी दी गई। अधिकारियों की टीम के समझाईश पर परिजनों ने अपनी गलती स्वीकारते हुए बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने पर विवाह करने की बात कही और घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। 

    जिला प्रशासन बलौदाबाजार-भाटापारा ने लोगों से किसी भी स्थिति में अपने नाबालिग बच्चों की शादी न करने अपील की है। जिला प्रशासन ने सभी समाज के प्रमुखों, सामाजिक संस्थाओं एवं स्वयंसेवियों से इस कुरीति के उन्मूलन के लिए सहयोग का आग्रह किया है। लोगों से अपील की गई है कि शादी-ब्याह के किसी भी मामले में वर-वधू की आयु में संदेह होने की स्थिति में इसकी जानकारी तत्काल जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यालयीन नंबर 07727-222253, चाईल्ड लाईन के टोल फ्री नंबर 1098 में अवश्य रूप से देवे, ताकि बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रशासन की ओर से आवश्यक कार्यवाही की जा सके। 


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