प्रदेश स्तर पर भाजपा की आंदोलन की रणनीति, पैदल मार्च करते हुए राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा

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रायपुर : भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा द्वारा महिलाओं के साथ अनाचार-अत्याचार के बढ़ रहे मामलों को लेकर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ आगामी 20 फ़रवरी को आहूत ‘हल्ला बोल’ आंदोलन के संबंध में पार्टी ने प्रदेश स्तर पर रणनीति तैयार करने बुधवार को यहाँ वेबिनार बैठक रखी। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य (राज्यसभा) डॉ. सरोज पांडेय, प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी लता उसेंडी, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत, पूर्व मंत्री व विधायक द्वय बृजमोहन अग्रवाल व अजय चंद्राकर, विधायक व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा, सभी प्रदेश प्रवक्ता समेत पार्टी व मोर्चा के सभी प्रदेश पदाधिकारी, सभी ज़िला अध्यक्ष व महामंत्री शरीक़ हुए। बैठक में धरना प्रदर्शन के साथ ही ‘सड़क से सदन तक हल्ला बोल’ आंदोलन के तहत विधानसभा सत्र के दूसरे सप्ताह विधानसभा का घेराव करने का निर्णय भी लिया गया।

 

वेबिनार बैठक में महिलाओं के साथ घट रहीं आपराधिक वारदातों में लगातार इज़ाफ़े पर आक्रोश व्यक्त करते हुए तय किया गया कि आगामी 20 फ़रवरी को राजधानी में महिला मोर्चा के तत्वावधान में हल्ला बोल आंदोलन किया जाएगा। इस आंदोलन में डॉ. सिंह, डॉ. (सुश्री) पांडेय, सुश्री उसेंडी सहित पार्टी के तमाम दिग्गज पदाधिकारी व नेता राजधानी में बुढ़ातालाब के पास आहूत धरना-प्रदर्शन में शिरक़त करेंगे। धरना-प्रदर्शन के बाद पैदल मार्च करते हुए राजभवन जाकर भाजपा व महिला मोर्चा की ओर से राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसी दिन सभी ज़िला मुख्यालयों में भी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा और बाद में राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा जाएगा। इस सिलसिले में पार्टी के नेता राजधानी सहित सभी ज़िला मुख्यालयों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को लेकर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ जन जागरण किया जाएगा। महिला मोर्चा के इस ‘हल्ला बोल आंदोलन’ में पार्टी समेत सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों की सक्रिय भागीदीरी रहेगी। भाजपा की वेबिनार बैठक में महिलाओं के साथ अनाचार-अत्याचार के लगातार बढ़ रहे मामलों पर गहन चिंता व्यक्त कर गहा गया कि पिछले दो वर्ष से प्रदेश के हर इलाक़े में नाबालिग बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं तक की अस्मत और जान ख़तरे में है और सत्ता-संरक्षण में अराजक व आपराधिक तत्व बेख़ौफ़ अपना आतंकराज चला रहे हैं। बैठक में इस बात पर भी हैरत जताई गई कि प्रदेश में अपराधों का ग्राफ़ तेज़ी से बढ़ रहा है, क़ानून-व्यवस्था लगातार चौपट हो रही है, लेकिन प्रदेश सरकार हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है और छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ बना रही है। विडम्बना तो यह है कि विशेष संरक्षित जनजाति परिवारों की बच्चियों से लेकर महिलाएँ भी इस अनाचार-अत्याचार की शिकार हुई हैं, लेकिन राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले इन आदिवासियों की सुरक्षा तक करने में प्रदेश सरकार नाकारा साबित हुई है। प्रदेश सरकार के निकम्मेपन से प्रदेश को अवगत कराने अब महिला मोर्चा सड़क से सदन तक संघर्ष और प्रदेश सरकार को ललकार कर झकझोरने का बिगुल फूँक रहा है।


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