तुंहर सरकार, तुंहर द्वार, अब सभी शहरों में समस्याओं का करेगी उद्धार

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शहरी जनता से जुड़कर उनकी समस्याओं को दूर करने की एक और पहल सरकार शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घोषणा के बाद रायपुर नगर निगम क्षेत्र में सफलतापूर्वक सम्पन्न तुंहर सरकार, तुंहर द्वार अब प्रदेश के सभी जिलों में नगर पंचायत और नगर निगमों में भी प्रारंभ होने वाली है। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के मागदर्शन में विभाग इसका अमलीजामा तैयार करने में जुटा है। अब तुंहर सरकार, तुंहर द्वार के माध्यम से वार्ड स्तर पर निकायों के अधिकारी न सिर्फ शिविर लगाएंगे, नागरिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण की कोशिश करेंगे और योजनाओं से लाभान्वित भी करेंगे। 

        वैसे देखा जाए तो नगरीय प्रशासन विभाग विगत दो साल में लगातार मूलभूत सुविधाओं के साथ आम नागरिकों से जुड़ी समस्याओं के लिए योजनाएं प्रारंभ कर उसका निराकरण सुनिश्चित कर रहा है। मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया द्वारा नगरीय क्षेत्रों को बेहतर बनाने की समग्र कोशिश की जा रही है। नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबों के उन्नयन, स्वच्छता से संबंधित कार्य, शहरी गरीबों के लिए आवास, घर-घर पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं। यह सवा दो साल में किए गए कार्यों का ही परिणाम है कि नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत योजनाओं और नागरिकों से जुड़ी सेवाओं में उल्लेखनीय कार्य करने पर पूरे देश में शहरी गवर्नेंस इंडेक्स-2020 रैंकिंग में छत्तीसगढ़ ने तीसरा स्थान हासिल किया और नए साल में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी अंतर्गत मोर जमीन-मोर मकान के समावेशी मॉडल को भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया। हाल ही में निगम के कामकाज ईज ऑफ लिविंग इण्डेक्स की जारी की गई सूची में भी रायपुर और बिलासपुर को देश भर में 7वीं रैंक हासिल हुई। स्वच्छता सहित ओडीएफ प्लस-प्लस में उपलब्धि हासिल करने के बाद तुंहर सरकार-तुंहर द्वार कार्यक्रम से आम नागरिकों तक पहुंचकर उनकी समस्यओं को निराकृत करने का अभियान नागरिकों के लिए लाभप्रद होगा यह नागरिक भी मानते है। आम नागरिक प्रकाश महंत, राम सिंह, नरेश कुमार साहू का कहना है कि वार्ड के अनेक लोग निगम के दफ्तर नहीं जा पाते हैं। व्यस्तता की वजह से या अन्य कारणों से कार्यालय नहीं जा पाने वालों के लिए तुंहर सरकार-तुंहर द्वार उनके ही वार्ड में उनकी समस्याओं का निराकरण करेगी। 

          इस कड़ी में पहले से संचालित मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय भी है जो कि नागरिक सुविधाओं के लिए वरदान बनती जा रही है। प्रदेश भर में 14 नगर निगम के 101 वार्डों में यह वार्ड कार्यालय संचालित हो रहा है। जहां 15 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय एक ऐसा माध्यम बन गया है जहां आसानी से किसी भी समस्या का निदान संभव हो पाया है। यह सरकार की दूरदर्शी सोच और जनता के प्रति जवाबेदही का ही परिणाम है कि वार्डों में समस्याओं को सुनने कार्यालय की स्थापना की गई है।  

          गरीबी या अपनी व्यस्तता की वजह से अस्पताल नहीं जा सकने वालों के उपचार के लिए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लीनिक योजना भी संचालित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य किसी की बीमारी को ठीक करना ही नहीं, उनकी जिंदगी को बेहतर बनाना भी है। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना से राज्य के 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट एंबुलेस के जरिए डाक्टरों की टीम सेवाएं प्रदान कर रही है। स्लम क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर मुफ्त में परामर्श, उपचार, दवाइयां तथा शुगर, खून, पेशाब, बीपी विभिन्न प्रकार की निःशुल्क जांच भी की जाती है। मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना से महिलाओं को नई सुविधा प्रदान की जा रही है। देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि दाई-दीदी क्लीनिक योजना जिसमें महिलाओं की जांच उनके ही घर के आसपास महिला चिकित्सकों द्वारा की जा रही है। 

नगरीय प्रशासन द्वारा आम नागरिकों के लिए जारी की गई टोल फ्री नंबर निदान-1100 के माध्यम से बड़ी आसानी से मुहल्लों की समस्याएं सुलझ रही है। निदान में कॉल करके आम नागरिक आसानी छोटी-छोटी समस्याओं को दूर कर रहे हैं। शिकायतों को सुनने और समय पर निराकरण करने की व्यवस्था से आम नागरिकों को कार्यालय का चक्कर भी नहीं काटना पड़ता। टोल फ्री नंबर 1100 में कॉल करते ही शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को दर्ज कर संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को समस्या बता दी जाती है और समय पर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जाता है। समय पर की जा रही कार्यवाही का परिणाम है कि साल 2019 की अपेक्षा 2020 में टोल फ्री नंबर 1100 में कम शिकायत दर्ज हुई है। निदान से एक लाख से अधिक लोगों की शिकायतों को निराकृत किया जा चुका है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें शिकायतकर्ता के संतुष्टी के बाद ही शिकायतों को निराकृत माना जाता है। इसमें लापरवाही करने पर अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जाता है।

 

     रायपुर नगर निगम में तुंहर सरकार, तुंहर द्वार का आयोजन 27 फरवरी से 2 मार्च 2021 तक सफलतापूर्वक किया गया। 35 दिनों में रायपुर निगम क्षेत्र के सभी 70 वार्डों में शिविर लगाया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से 40 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण किया गया। तुहंर सरकार तुहंर द्वार 7420 राशन कार्ड, 7007 श्रमिक पंजीयन कार्ड, दिव्यांगो को 30 उपकरण, 27 ट्रायसिकल व्हील चेयर, 730 वेंडिंग कार्ड वितरित किए गए। 361 स्ट्रीट लाइट लगाई गई। नाली-पुलिया सफाई, कचरा उठाव के 201 प्रकरणों और जल विभाग ने 524 प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही की। नगर निवेश विभाग ने 192 और एनयूएलएम के तहत 2694 प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही की गई। 2237 आधार कार्ड बनाए गए। मोर जमीन मोर मकान योजना में 3386 प्रकरणों का निदान हुआ। इस तरह रायपुर नगर निगम अंतर्गत तुंहर सरकार-तुंहर द्वार का आयोजन कर बड़ी संख्या में नागरिकों को लाभ पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए प्रदेश के सभी नगर पंचायतों और नगर निगमों में प्रारंभ करने की घोषणा की है जो कि आम नागरिकों के हित से जुड़ा है।


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