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शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा के लिए शुरू की गयी स्थायी भर्ती
लोकवाणी में राजिम की एकता राजानी ने अपने रिकार्डेड संदेश में कहा कि मुझे शिक्षा विभाग में सेवा का अवसर मिला है, 26 साल बाद स्थायी भर्ती शुरू हुई। पहले बैच में उनका चयन हुआ है। उन्हें स्थायी नियुक्ति पत्र भी मिल गया है। झरना धु्रव ने बताया कि वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवपुर में भृत्य के पद पर कार्य कर रहें हैं। उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिली है। एकता और झरना ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार हमने स्थायी शिक्षक, शिक्षिकाओं की भर्ती के बारे में कहा था, जिसके दो प्रमुख कारण थे। एक तो शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और दूसरा नौकरी कर रहे शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा। हमने लगभग 15 हजार पदों के विरुद्ध नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू की तो कोर्ट से स्टे जैसी अनेक समस्याएं आ र्गइं। मुझे खुशी है कि अंततः सारी समस्याओं को हल करते हुए अब चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र मिलना शुरू हो गया है। जिन लोगों को नियुक्ति पत्र मिल गया है, उन सबको मैं बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। हमने दो वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों के नियमितीकरण का वादा निभाया है, जिसका लाभ हमारी बहनों को मिला है। मिशन क्लीन सिटी परियोजना में 10 हजार महिलाओं को जोड़ा गया है। पुलिसकर्मियों की भर्ती की रुकी हुई प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसी तरह से विभिन्न विभागों में विभिन्न पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। मैं बताना चाहता हूं कि सरकारी सेवाओं में महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए हमने यह व्यवस्था की है कि भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेजों की छानबीन आदि कार्यों के लिए जो भी समितियां बनाई जाएंगी, उनमें एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रहंेगी। महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है।
लोकवाणी में अनेक ग्रामीण महिलाओं ने ग्रामीण और वनांचलों के महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए संचालित की जा रही योजनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। खिलेश्वरी सतनामी ने अपने संदेश में बताया कि वे बिहान योजना के एमयूसी नारी में हथकरघा का कार्य करती हैं और इस कार्य से आत्मनिर्भर और सक्षम बन चुकी हैं। धमतरी जिले के कुरूद के ग्राम मरौद की सुनीता साहू ने बताया कि वे बिहान योजना के तहत संजीवनी स्व-सहायता समूह में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में बैंक सखी के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्हें 20 से 25 हजार रूपए मंथली आय हो रही है। ग्राम नारी की बसंती चक्रधारी बिहान योजना के इम्यूसी नारी में माटीकला का कार्य करती हैं। अब वे भी आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। ग्राम हंचलपुर की सुषमा मेश्राम महामाया कृषि समूह में सचिव हैं और वे वर्मी खाद का उत्पादन कर रहे हैं। अभी हम लोग वर्मी खाद बनाकर बेचते भी हैं। गांव के किसान भी लेकर जाते हैं और बाहर के किसान भी आते हैं। अभी तक उनका समूह 286 क्विंटल वर्मी खाद बेच चुका है, जिसकी राशि 2 लाख 50 हजार 600 रूपए है। उन्होंने बताया कि हम लोग वर्मी केंचुआ का भी उत्पादन कर रहे हैं, उसको भी बेच चुके हैं। हम लोग 25 क्विंटल वर्मी केंचुआ बेच चुके हैं और उसका राशि है 5 लाख 900 रुपए। वर्मी वाश भी बन रहा है, उसको भी 30 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचेंगे।
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