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प्रदेश में 20 लाख 2 हजार गरीब परिवारों की एक लाख 85 हजार महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी
मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब मैं गांव-गांव का दौरा करता हूं तो आपका यह उद्बोधन मुझे बहुत रोमांचित करता है, बहुत उत्साह जगाता है। मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अंतर्गत प्रदेश में 20 लाख 2 हजार गरीब परिवारों की एक लाख 85 हजार महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ गई हैं। आप लोगों के द्वारा एक से बढ़कर एक कार्य किए जा रहे हैं। अपनी मौलिकता, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कौशल और संसाधनों का उपयोग आप लोग जिस खूबसूरती से कर रहे हैं, उसकी जितनी तारीफ की जाए, वह कम है। वास्तव में आप लोगों ने मातृशक्ति शब्द को सार्थक करके दिखाया है। आप में से साढ़े तीन हजार बहनें बीसी सखी के रूप में चलता-फिरता बैंक बन गई है। हमारी ग्रामीण महिलाओं का यह कायाकल्प और उनकी सूझबूझ का विस्तार बहुत उम्मीद जगाने वाला है। आपकी प्रतिभा, लगन और मेहनत को देखते हुए नए बजट में मैंने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क और सी-मार्ट स्टोर जैसी नई अवधारणा को शामिल किया है। शहरों में पौनी-पसारी योजना और गांवों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के सफल संचालन के पीछे वास्तव में नारी की शक्ति होगी। मुझे विश्वास है कि आप सबके सहयोग से छत्तीसगढ़ में छोटी-छोटी पूंजी और थोड़ी-थोड़ी उद्यमिता को मिलाकर एक नई आर्थिक क्रांति का जन्म होगा। यह आर्थिक क्रांति विकास का एक टिकाऊ मॉडल बनकर पूरी दुनिया में नाम कमाएगी।
लोकवाणी में अनेक महिलाओं ने सुराजी ग्राम योजना से उन्हें मिल रहे फायदे के बारे में किरण लता साहू ने बताया कि उनका जय भवानी महिला स्व-सहायता समूह सुराजी ग्राम योजना में बंजर पड़ी जमीन पर लेमनग्रास, एलोविरा, पोदीना की खेती के साथ सब्जी उगा रहे हैं। इससे समूह की 10 महिलाओं को हर माह पांच से छह हजार रूपए की आमदनी होती है। ग्राम पंचायत भटगांव के जय भवानी महिला स्व-सहायता समूह की महिला सदस्य ने बताया कि उनके समूह लेमनग्रास के साथ गेंदा के फूल और सब्जी की खेती कर रहें हैं। इससे उसे अच्छे फायदे हो रहा है। दंतेवाड़ा की फुलमावा बाई ने बताया कि उनके पति का देहांत वर्ष 2014 में हो गया था। उन्हें सक्षम योजना में एक लाख रूपए की सहायता मिली जिससे उन्हें नास्ते की एक छोटी दुकान खोली है। दुकान से उन्हें प्रतिदिन 700 से 800 रूपए की आमदनी होती है। इससे परिवार का पालन पोषण अच्छे से हो पाता है। ग्राम भूतहा की कमलेश्वरी यादव ने बताया कि उनका जय दुर्गा महिला स्वसहायता समूह खेती बाड़ी करता है। उद्यानिकी विभाग से मिर्ची, प्याज, बीज के मिनीकिट मिले हैं। इससे उन्हें थोड़ी बहुत आमदनी होती है और वे लोग रोजगार गारंटी योजना में भी काम करते हैं।
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