मास्टर आफ कुंगफू और स्ट्रान्गेस्टमेन आफ एशिया ने दिखाया करतब, कहा अबूझमाड़ के लोगों में

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 नारायणपुर के चौथे दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन् देश की पहचान बन चूके मास्टर आफ कुंगफू दिलीप कुमार और स्ट्रान्गेस्टमेन आफ एशिया मनोज चोपडा ने अपने कला और ताकत का प्रदर्शन किया। बिलासपुर निवासी मास्टर आफ कुंगफू दिलीप कुमार वर्ष-2002 से देश विदेश में सेल्फडिफेंस का प्रशिक्षण देने का काम करते रहे हंै जबकि साढ़े छः फीट उंचे और लगभग पौने दो क्विंटल के रायपुर निवासी स्ट्रान्गेस्टमेन आफ एशिया मनोज चोपडा दूसरा पूरे एशिया का अकेला सबसे शक्तिशाली इंसान हैं।

मंच में मास्टर आफ कुंगफू दिलीप कुमार ने अनेंको करतब दिखाया, जैसे शिर में फर्स रखवाकर हथौडे से तोडवाना, हथौडे से सीने को पीटवाना, बेसबाल को तोडना, इंट को तोडना, हांथ, पीट, पैर और पीठ से खप्पर को तोडना, इत्यादि। श्री दिलीप कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर अबूझमाड के लोगों, खासकर बेटियों से अपील किया है कि "आप अपने शक्ति को पहचानें और सेल्फडिफेंस के तरीके सीखकर शारीरिक रूप से सुदृढ़ और सशक्त बनें। जब आप स्वयं की रक्षा करने में सक्षम होंगे तो आप निर्भय होकर अपने लक्ष्य को सरलता से हासिल कर लेंगे, यही नहीं लोग आपसे उलझने, आपके अस्तित्व और आत्मस्वाभिमान को ललकारने अथवा क्षति पहुंचाने का कोई साहस नहीं सकेगा।"

स्ट्रान्गेस्टमेन आफ एशिया मनोज चोपडा ने मंच के माध्यम से लगभग 1000 पेज के पुस्तक को एक साथ दोनों हाथों से फाडकर दिखाया वहीं कार के नंबर प्लेट को दो तुडके फाड दिये और हाथों से बियर बाॅटल को भी तोडकर दिखया। चूंकि मावली मेला मंच में अनेकोनेक आकर्षण के कार्यक्रम होना था, समयाभाव के कारण अन्य महत्वपूर्ण करतब दिखाया नहीं जा सका। स्ट्रान्गेस्टमेन आफ एशिया मनोज चोपडा ने अबूझमाड के लोगों से कहा "अबूझमाड में ताकतवर लोगों की कमी नहीं है, हर व्यक्ति अलग-अलग प्रकार के विशिष्ट शक्तियों के साथ जन्म लिया हुआ है, उन्होने कहा कि विश्व स्तर पर देश के तिरंगा को बडे शान से फहराने की दृढ़ इच्छाशक्ति ने आज मूझे एशिया का सबसे ताकतवर इंसान बनाया है कोई भी इंसान दृढ़ इच्छाशक्ति और कडे मेहनत के बल बूते अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।"


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